‘लॉकडाउन’ कभी नहीं सोचा था किसी ने की मनुष्य के जीवन पर कभी भी तालाबंदी हो सकती है।मगर यह भी संभव हुआ और इस कदर हावी हुआ कि आज दो माह से हम मनुष्य जाति अपने घरों में बंद हैं और पता नहीं कि यह लॉकडाउन कब खत्म हो?इसकी शुरुआत कोरोना महामारी के कारण हुई और यह देश-विदेश में फैलकर यह समस्या सर्वव्यापी हो गई है।इस समस्या के दौर में आर्थिक क्षति काफी हो रही है और देश की अर्थव्यवस्था भी डगमगा गई है क्योंकि कर्म संस्थान, शिक्षण संस्थान सभी बन्द हैं।लोगों को ‘वर्क फ्रॉम होम’अर्थात घर से ही काम करना पड़ रहा है और बहुत से गैर-सरकारी कर्म संस्थानों से कर्मचारियों को निकाला जा रहा है।बहुत ही भयावह और दुखद स्थिति हो गयी है।मेरी तृतीय वर्ष की फाईनल परीक्षा स्थगित हो गयी और इस बीच मानसिक तनाव होना स्वाभाविक है।परंतु इस तनाव से उबरने के लिए जीवन को पहले जैसे जी रही थी,वैसे ही इसमें भी जी सकूँ, उसमें कुछ परिवर्तन किये हैं।जैसे पहले योग करने का समय न रहता था,अब हर सुबह योग करती हूं, जिससे सकारात्मकता हर दिन बढ़ती रहे।फिर दूरदर्शन पर रामायण,महाभारत और उपनिषद गंगा जैसे पौराणिक धारावाहिक को वापस से देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ,उसे देखकर मन में जीवन जीने का उद्देश्य,पारिवारिक रिश्ते-नातों को समझने की एक नयी सीख मिली।फिर वापस अपनी पढ़ाई नित जैसे करती थी,वैसे ही अपनी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी कर रही हूं।परिवार के बीच समय बिताने का सुखद पल मिला,उसे जीती हूं-कभी लूडो,चेस और कैरम बोर्ड के खेल खेलकर।बाहर के बच्चों को गलियों में खेलते हुए देखती हूं,कभी-कभी मैं भी खेलती हूँ।25 मार्च से अब तक लगभग सात कविताएं,एक कहानी और एक निबंध लिख चुकी हूं।क्योंकि मुझे कविताएं,कहानी तथा उपन्यास पढ़ना बहुत पसंद है और लिखते रहना मेरी आदत है।हर दिन कुछ-न-कुछ लिखती हूँ।इसी तरह समय कट रहा है।इसके अलावा चित्रकारी कर रही और उपयोग की वस्तुएं बना रही हूं।कुछ दिन पहले कुछ ज़रूरतमंदों को राहत सामग्री प्रदान की।मन में बहुत संतोष हुआ।इसी बीच ‘अम्फान’ नामक तूफ़ान आया,बहुत क्षति।बिजली और पानी हमारे इलाके में 95 घंटे के बाद मिली।अभी भी बहुत में समस्या निहित है।इन दो माहों के समय का विस्तार मैं इसी रुप में कर पाई।यह मेरे लॉकडाउन का अनुभव था,जितना हो सके सकारात्मक बने रहें और सच्ची खबरों से जुड़े रहें।सभी घर पर रहें, स्वस्थ रहें और बाहर जाना पड़े तो सामाजिक दूरी और मास्क का प्रयोग अवश्य करें।