लिटिल थिस्पियन का 19 वाँ रंग अड्डा संपन्न

कोलकाता ।  गत 31 अक्टूबर 2023 को सुजाता देवी विद्या मंदिर के प्रांगण में लिटिल थिस्पियन का 19 वाँ रंग अड्डा संपन्न हुआ l अक्टूबर महीने के रंग अड्डा के मुख्य केंद्र में त्रिपुरारी शर्मा,शंकर शेष और उषा किरण खान रही । खिदिरपुर कॉलेज की पांचवें सत्र की विद्यार्थी सुनीता कुमारी बिंद ने त्रिपुरारी शर्मा का जीवन परिचय प्रस्तुत किया l त्रिपुरारी शर्मा जी के नाटक अक्स पहेली और बहू नाटक में मानसिक और बौद्धिक द्वंद विषय पर आलेख पार्वती कुमारी शॉ ने प्रस्तुत किया l पार्वती ने इस आलेख के माध्यम से हमें दिखलाया की रामायण और महाभारत की जो कहानी है, वह पुरुष के द्वारा लिखित कहानी है इसलिए उनमें जो सोच है, पुरुष पात्र को महत्वपूर्ण और बलशाली दिखलाता है और स्त्री को दयनीय दिखलाया गया है l पार्वती ने यह प्रश्न खड़ा किया कि अगर रामायण और महाभारत स्त्री कहानीकारों के द्वारा लिखा गया होता तो उसकी जो दृष्टि है वह स्त्रीवादी होती है और उसकी रूपरेखा कुछ अलग होती l उन्होंने रामायण और महाभारत की कहानी को एक नई दृष्टि से देखने की सोच पर बल दिया l नाटककार शंकर शेष का जीवन परिचय कलकत्ता विश्वविद्यालय की छात्रा निशा गुप्ता ने प्रस्तुत किया तथा शंकर शेष के नाटक एक और द्रोणाचार्य के ऊपर आलेख प्रस्तुत किया खिदिरपुर कॉलेज की छात्रा संध्या राम ने यह पंचम सत्र की छात्रा है l द्रोणाचार्य के माध्यम से वह शिक्षण संस्थानों पर प्रश्न खड़ा करने का प्रयास किया है l उषा किरण खान का जीवन परिचय की प्रस्तुत ज्योति शाह ने और उन पर आलेख प्रस्तुत किया कोलकाता विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रा ज्योतिका प्रसाद ने उषा किरण खान के नाटक हीरा डोम में दलित विमर्श और धार्मिक निर्वाचन l ज्योतिका ने बतलाया की हीरा डोम की कविता, सरस्वती पत्रिका में सबसे पहले प्रकाशित हुई l सरस्वती पत्रिका में आए उनके नाम को आधार बनाकर हिरा डोम कहानी की रचना की है lजो दलित विमर्श के सबसे पहले लेखक है और इनका नाम हमें कहीं भी हिंदी साहित्य के इतिहास में दिखाई नहीं देता है l इन्हीं को आधार बनाकर उषा किरण खान जी ने अपना नाटक लिखा था हीरा डोम l इन सभी नाटककार कों छात्र जानते ही नहीं है l यह कुछ ऐसे नाम है जिसे छात्राओं ने या छात्रों ने पहली बार सुना था l वह नाटक तो पढ़ते हैं पर नाटक से उसे अर्थ से जुड़े नहीं होते हैं कि वह उनसे जुड़े नाटककारों तथा रंगमंच के अंतर्गत जो भी व्यक्ति है वह डायरेक्टर हों या रंगमंच से जुड़े अन्य व्यक्ति,लेखक, प्रकाश सज्जा करने वाले लोग l रंग अड्डा के माध्यम से विद्यार्थी इन सभी से जुड़ते हैं l यह अड्डा विद्यार्थियों को एक मंच देता है जिसके माध्यम से वह अपना बौद्धिक विकास कर सके l यह एक बहुत ही सराहनीय प्रयास है l 19 वें रंग अड्डे की प्रमुख अतिथि थी कूच बिहार पंचानन वर्मा विश्वविद्यालय की प्रोफेसर रीता चौधरी l उन्होंने कहा कि रंग अड्डा विद्यार्थियों को एक नई दृष्टि दे रही है और वह उनकी समझ विकसित हो रही है । वह इस अड्डे के माध्यम से वह एक उत्कृष्ट आलेख लिख पा रहे हैं और एक समझ विकसित कर पा रहे हैं l इस अड्डे में उषा किरण खान की कहानी साँझ भई का नाट्य अभिनयात्मक पाठ कोलकाता की प्रसिद्ध रंगकर्मी और लिटिल थेस्पियन की निर्देशक उमा झुनझुनवाला और उनकी कलाकार सुधा गौड़ ने किया l l कार्यक्रम के आरम्भ में त्रिपुरारी शर्मा के निधन पर मौन रखा गया । कार्यक्रम का संचालन संगीता व्यास ने किया l रंग अड्डा विद्यार्थियों को सवारने, सजाने, निखारने का काम करता है l विद्यार्थियों में आत्मविश्वास जगाने का काम करता है l इस रंग अड्डे की मुख्य विशेषता थी चालीस विद्यार्थी उपस्थित थे जिनमें से खिदिरपुर कॉलेज से ही 18 विद्यार्थी आये थे l यह लिटिल थेस्पियन की उपलब्धि रही l

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