पिछले दो वित्तीय वर्ष में देश के राष्ट्रीय राजनीतिक दलों को 985 करोड़ रुपये से ज्यादा का चंदा मिला है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि यह चंदा इन दलों के ज्ञात स्त्रोतों का 93 फीसदी है। वहीं 2004-05 से 2014-15 के बीच मिले दान से यह 160 फीसदी ज्यादा है।
आठ सेक्टर से मिला सबसे ज्यादा दान
सबसे ज्यादा आठ सेक्टर से इन दलों को दान मिला है। एडीआर की रिपोर्ट में 20 हजार रुपये ज्यादा के मिले दान को ही इस लिस्ट में शामिल किया है। इनमें 49.58 फीसदी दान (488.42 करोड़ रुपये) इलेक्ट्रोरल ट्रस्ट से, मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर से 12.18 फीसदी (120 करोड़ रुपये), रियल इस्टेट सेक्टर से 9.19 फीसदी (90.57 करोड़ रुपये), खनिज व आयात- निर्यात सेक्टर से 6.55 फीसदी (64.544 करोड़ रुपये) मुख्य तौर पर शामिल हैं।
छह राष्ट्रीय दलों में भाजपा आगे
रिपोर्ट के मुताबिक छह राष्ट्रीय दलों में भाजपा को सबसे ज्यादा ऐसा दान मिला है। कुल 1731 कंपनियों ने भाजपा को 915.596 करोड़ रुपये का दान दिया था। दूसरे स्थान पर कांग्रेस को 151 कंपनियों ने 55.36 करोड़ का दान दिया था। वहीं तीसरे स्थान पर एनसीपी को 23 कंपनियों से 7.737 करोड़ रुपये दान में मिले थे।
इन ट्रस्ट से मिला सबसे ज्यादा पैसा
इन दो वित्त वर्ष में सबसे ज्यादा पैसा प्रूडेंट/सत्या इलेक्ट्रोरल ट्रस्ट ने भाजपा और कांग्रेस को दिया। इस ट्रस्ट ने भाजपा को 33 दानों के जरिए 405.52 करोड़ रुपये और कांग्रेस को 13 दानों के जरिए 23.90 करोड़ रुपये दान में दिए। वहीं एनसीपी को बी.जी. शिरके कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड ने 2.5 करोड़ रुपये दान में दिए।
इनका नहीं दिया पैन और पते का विवरण
एडीआर के मुताबिक राष्ट्रीय दलों ने अपनी दान रिपोर्ट में ऐसे 916 दानों का विवरण भी दिया है, जिनसे उन्हें 120.14 करोड़ रुपये दान में मिले। वहीं इन दलों के पास 76 ऐसे दान भी आएं जिन्होंने अपने पैन का विवरण नहीं दिया। इनसे इन दलों को 2.59 करोड़ रुपये मिले।