हमारे देश में हर रोज रेप की इतनी घटनाएं होती हैं कि अखबार के किसी न किसी कोने में दो चार खबरें जरूर होती हैं। क्या करें, तमाम कोशिशों के बावजूद मर्दों की मानसिकता में कोई सुधार आ ही नहीं पाता। शायद यही वजह है कि रेप से बचने के लिए लड़कियां खुद ही कोई आइडिया खोजकर लाती हैं। पेपर स्प्रे और आत्मरक्षा के लिए आपने कई सारी तरकीबों के बारे में तो सुना होगा, लेकिन क्या आप ‘रेप प्रूफ अंडरवियर’ के बारे में जानते हैं? देश के सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश के फर्रूखाबाद जिले की रहने वाली सीनू कुमारी ने एक ऐसी डिवाइस बनाई है जो रेप को रोकने के साथ ही रेपिस्ट को पकड़ने में कारगर साबित हो सकती है।
उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में भी रेप की घटनाएं बेहद आम हैं। सीनू ने जो डिवाइस बनाई है उसमें कैमरा, जीपीएस जैसी खूबियों से लैस है। डेली मेल की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस में एक इमरजेंसी कॉलिंग का बटन भी लगा हुआ है। सीनू का मानना है कि इस खोज से रेप जैसी घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी और आसानी से कार्रवाई भी की जा सकेगी। इसमें लगे कैमरे से रेपिस्ट का चेहरा कैप्चर किया जा सकेगा और एक क्लिक पर मदद के लिए कॉल भी की जा सकेगी।
सीनू का कहना है कि महिलाओं को इसे हर समय पहनने की जरूरत नहीं है। सिर्फ अकेले सफर करने के दौरान वे इसे पहन सकती हैं। सीनू के इस प्रयोग को राष्ट्रीय खोज संस्थान इलाहाबाद में रजिस्ट्रेशन के लिए भेज दिया गया है। सीनू ने सात साल की बच्ची के साथ रेप की घटना की खबर सुनकर कुछ करने के बारे में सोचा था। उन्हें इस घटना ने विचलित कर दिया था। जिसके बाद वे खुद को कुछ करने से रोक नहीं पाईं।
सीनू ने बताया की इसमें लगे जीपीएस की मदद से परिवार और पुलिस को अलर्ट मिल जाएगा। साथ ही कैमरे के जरिए उन्हें आरोपी की पहचान भी मिल जाएगी। इसमें लगा कॉम्बिनेशन लॉक एक खास कोड डालने पर ही खुलेगा। सीनू अभी बीएससी कर रही हैं। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि वे कुछ ऐसा करना चाहती थी, जो महिलाओं के साथ हो रही घटनाओं को रोकने में मददगार हो। रेप के अधिकतर मामलों में आरोपी की पहचान साबित न होने के कारण उन्हें सजा नहीं मिल पाती। सीनू की खोज शायद रेप की शिकार लड़कियों की मदद कर सके।