- श्वेता गुप्ता
आज मुद्दतों के बाद उनसे मुलाकात होगी,
फिज़ा में फिर वही पुरानी बात होगी,
लफ़्ज़ों से बयां नहीं कर पाएंगे,
वो गुस्ताखी आज फिर इस बार होगी।
नजरें छुपाए देखा करेंगे हम उनको,
नजरें टकराए, तो यूं अनजान बन जाएंगे कि देखा नहीं उनको।
दिल की मुस्कुराहट आंखों में छलक जाएगी,
खामोशियों को दिल की हलचल की खबर हो जाएगी।
इशारों – इशारों में वो बात हो जाएगी,
फिर वही मुलाकात जल्द खत्म हो जाएगी।