नयी दिल्ली : मिजोरम के इतिहास में पहली बार महिला उम्मीदवार लालथलामौनी लोकसभा का चुनाव लड़ने जा रही हैं। उन्होंने कहा कि मैंने यह कदम भगवान के इशारे पर उठाया है। वे मिजोरम में एनजीओ के जरिए यहूदी समुदाय के लोगों के कल्याण के लिए काम करती हैं। उधर, तेलंगाना की निजामाबाद सीट पर इस बार 185 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें से 175 उम्मीदवार मूल रूप से किसान हैं। यह सीट मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव की बेटी के.कविता की है। सरकार के प्रति नाराजगी के चलते इतनी बड़ी संख्या में किसानों से इस सीट से दावेदारी जताई है ताकि उनकी समस्याओं के प्रति लोगों का ध्यान खींचा जा सके।उम्मीदवारों की इतनी बड़ी संख्या के चलते आयोग की चुनाैती यह है कि ईवीएम में केवल 64 नाम आ सकते हैं। ऐसे में चुनाव बैलेट पेपर के जरिए करवाना होगा, जिसके लिए आयोग को अगले दस दिनों में 15 लाख जम्बो साइज बैलेट पेपर प्रिंट करवाना पड़ेंगे।
मिजोरम के इतिहास में पहली बार एक महिला उम्मीदवार लोकसभा का चुनाव लड़ने जा रही है। इस चुनाव में लालथलामौनी का मुकाबला 5 पुरुष उम्मीदवारों से होगा। फिलहाल यहाँ के मौजूदा सांसद कांग्रेस के सीएल रौला (83) हैं, जो दो बार चुनाव जीत चुके हैं। पिछले साल मिजोरम के विधानसभा चुनाव में 15 महिला उम्मीदवार उतरी थीं। लालथलामौनी भी उन्हीं में से एक हैं, जिन्हें इस चुनाव में केवल 69 वोट मिले थे।
63 वर्षीय लालथलामौनी ने कहा, ”मैंने यह कदम भगवान के इशारे पर उठाया। यह एक पवित्र लड़ाई है, जो मिजोरम में महिलाओं के लिए है। मेरी चुनौती मिजोरम की महिलाओं के लिए भी है। हमारे पास किसी तरह का राजनीतिक प्रतिनिधित्व नहीं है। हम दुनिया के सामने अपनी पहचान को लेकर बात करते रहते हैं। अब समय आ गया है कि संसद को अपने प्लेटफॉर्म के तौर पर उपयोग करें। हमें कोई ऐसा चाहिए जो न सिर्फ हमारे लिए खड़ा हो बल्कि यह सुनिश्चित करे कि हमारी आवाज सुनी जाए।”