कोलकाता । यू. एस. कॉन्सुलेट, कोलकाता देश मानव तस्करी को रोकने के लिए शक्ति वाहिनी के साथ पिछले 10 सालों से काम कर रही है। दशम वर्षपूर्ति समारोह का पालन करते हुए हाल ही में गुवाहाटी में यू.एस. कॉन्सुलेट शक्ति वाहिनी ने कन्क्लेव आयोजित किया। इस कन्क्लेव में राज्य स्तर पर साझेदारों, सरकारी विभागों, कानून प्रवर्तन, बाल संरक्षण एवं अभियोजन एजेंसियों के साथ कार्य प्रणाली को मजबूत करने की रणनीति पर चर्चा हुई। यू. एस एम्बैसी, दिल्ली में पब्लिक डिप्लोमैसी ऑफिसर (नीति एवं संसाधन) डॉ. इग्विन बी ने कहा कि साझीदारी का मुख्य लक्ष्य मानव तस्करी के हर रूप को खत्म करना है। भारत और कोलकाता में यू. एस. का यह मिशन साझेदारों को उत्साहित करता रहेगा जिससे यह अभियान मजबूत हो सके। अभियोजन, संरक्षण और बचाव इन तीन बड़े कदमों से अभियान और मजबूत होगा। गुवाहाटी के बाद यह कन्क्लेव चंडीगढ़, हैदराबाद, मुम्बई और नयी दिल्ली में होगा। कई रिपोर्ट्स के मुताबिक कोविड – 19 के दौरान मानव तस्करी की समस्या और बढ़ गयी है। सूचना और संचार से जुड़ी नयी तकनीकों का दुरुपयोग हो रहा है। इंटरनेट के जरिए विज्ञापनों, आर्थिक लेनदेन के अतिरिक्त बाल यौन उत्पीड़न और चाइल्ड पोर्नोग्राफी की घटनायें भी बढ़ गयी हैं। तस्करी करने वाले तकनीक इस्तेमाल कर रहे हैं। इसे लेकर केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने एडवायजरी भी जारी की है। शक्तिवाहिनी के अध्यक्ष रविकांत ने कहा है कि लॉकडाउन के बाद से ही वे तस्करी के मामलों में वृद्धि देख रहे हैं। इस समय निगरानी की प्रणाली को मजबूत करने की जरूरत है। वे सभी एजेंसियों के साथ काम करते हुए सुनिश्चित करेंगे की पीड़ित को हर प्रकार की सुविधा मिल सके। कार्यक्रम में असम विधानसभाध्यक्ष विश्वजीत डेमैरी, उप विधानसभाध्यक्ष नोमुल मोमिन, इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन फोरम के महासचिव तथा प्रयास के संस्थापक आईपीएस अधिकारी आमोद कंठ, प्रज्ज्वला की संस्थापक सामाजिक कार्यकर्ता पद्मश्री सुनीता कृष्णन, असम के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस आईपीएस भास्कर ज्योति महन्त, असम पुलिस के आईजीपी आईपीएस सुरेन्द्र कुमार भी उपस्थित थे।