लॉकडाउन के शुरुआती दौर में खुद पैसे जुटाकर की पहल
ट्रांस कम्युनिटी किचन में श्रीजीत, आरूवी, अनीश और शरन कार्तिक नाम की ट्रांस महिलाएं जरूरतमंदों के लिए खाना बनाते हुए देखी जाती हैं। इनके अलावा यहां लगभग 12 महिलाएं काम कर रही हैं। श्रीजीत ने बताया कि लॉकडाउन के शुरुआती दौर में ट्रांस समुदाय के कुछ लोगों ने मिलकर गरीबों के लिए खाने की व्यवस्था करने के उद्देश्य से फंड इकट्ठा किया। वहीं ये भी महसूस किया कि महामारी की वजह से खाना तो दूर लोगों को साफ पानी तक नहीं मिल पा रहा है। श्रीजीत के अनुसार, मैं इन सभी महिलाओं को लंबे समय से जानती हूँ। वे समाज के लिए हर संभव प्रयास करने को तत्पर रहती हैं। खाने के साथ ही वे उन लोगों को अपनापन देना चाहती हैं जो बेसहारा हैं। ट्रांसवुमन की टीम हाइजीन के सभी प्रोटोकॉल फॉलो करती हैं। उनका काम सुबह 4:30 बजे शुरू होता है और रात को 9 बजे तक जारी रहता है। ये टीम सुबह, दोपहर और शाम को लॉकडाउन के बीच गरीबों में खाना बांटते हुए देखी जाती है।
सबसे पहले इन महिलाओं ने नाश्ते में रवा खिचड़ी और लंच में वेजिटेबल बिरयानी बांटने की शुरुआत की। रात के खाने में रोटी और सब्जी बांटी। ये महिलाएं खाने के साथ जरूरतमंदों को पानी की बोतल भी देती हैं। 2 मई के बाद से इन्होंने नाश्ते में पोंगल, दिन के खाने में सांभर और चावल व रात के खाने में जैम व बिस्किट बांटा। वे एक वक्त में लगभग 400 लोगों को मुफ्त में खाना बांटती हैं।