कहा – कॉफी के 700 रुपये लेंगे तो कौन जाएगा सिनेमा हॉल
नयी दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मल्टीप्लेक्स थिएटर्स में टिकट के साथ बिकने वाले स्नैक्स और पेय पदार्थों की ऊंची कीमतों पर गहरी चिंता जाहिर की है। जस्टिस नाथ ने टिप्पणी की कि जब एक पानी की बोतल 100 रुपये और कॉफी 700 रुपये में बेची जा रही हो, तो दर्शक सिनेमा देखने क्यों आएंगे?
मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने तर्क दिया कि ताज होटल में कॉफी 1,000 रुपये में मिलती है, क्या कोर्ट उसकी कीमत कंट्रोल कर सकता है? यह पूरी तरह ग्राहक की पसंद का मामला है। जवाब में जस्टिस नाथ ने कहा कि सिनेमा हॉल पहले से ही घटते जा रहे हैं। अगर कीमतें उचित नहीं रहीं, तो थिएटर सूने पड़ जाएंगे। मल्टीप्लेक्स को ऐसी दरें तय करनी चाहिए जो लोगों को सिनेमा की ओर आकर्षित करें। रोहतगी ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट की रोक का जिक्र किया। दरअसल, कर्नाटक सरकार ने नियम बनाकर फिल्म टिकट की अधिकतम कीमत 200 रुपये निर्धारित की थी, जिस पर कर्नाटक फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स ने विरोध जताया। हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने 23 सितंबर को इस नियम के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी। इसके बाद डिवीजन बेंच ने 30 सितंबर को सिंगल बेंच के आदेश को कायम रखा, हालांकि कुछ अतिरिक्त शर्तें जोड़ीं हैं। अब सुप्रीम कोर्ट ने इन शर्तों पर भी अंतरिम रोक लगा दी है। जब रोहतगी ने कहा कि महंगा लगे तो मल्टीप्लेक्स न जाएं, सामान्य सिनेमा हॉल चुन लें, तो जस्टिस नाथ ने पलटकर पूछा अब सामान्य सिनेमा हॉल बचे ही कहां हैं?





