नागपुर : अगले साल होने वाले चुनाव के मद्देनजर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने बदलाव के बदले स्थायित्व को तरजीह देते हुए अपने महामंत्री यानी सरकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी को ही अगले 3 साल के लिए फिर चुन लिया है। कार्यकारिणी के शेष सदस्यों का चुनाव रविवार को होगा।
संघ के सूत्रों ने पहले संकेत दिए थे कि 9 साल से लगातार सरकार्यवाह की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाल रहे भैयाजी ने अवकाश लेने की इच्छा जताई थी। उनकी जगह सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले लेने वाले थे। प्रतिनिधि सभा के 1500 में से अधिकतर सदस्यों ने यही राय दी कि चुनाव से ठीक पहले इतने महत्वपूर्ण पद पर बदलाव करना उचित नहीं होगा।
उनमें से कुछ की राय थी कि होसबोले की प्रधानमंत्री मोदी से नजदीकियां भी उनके निष्पक्ष काम करने में आड़े आ सकती हैं। हालांकि ‘संघ को जानें’ पुस्तक के लेखक अरुण आनंद का कहना है कि संघ एक गैर-राजनीतिक संगठन है और किसी राजनीतिक दल या चुनाव का उसके किसी नीतिगत फैसले पर असर नहीं पड़ता।
ऐसे होता है सरकार्यवाह का चयन
यह आरएसएस में सर्वोच्च निर्णय लेने वाली बॉडी होती है। इसकी मीटिंग हर साल मार्च के दूसरे और तीसरे सप्ताह में होती है। यह मीटिंग महीने के दूसरे और तीसरे रविवार को होती है। अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में 1300 सदस्य होते हैं। इनमें एक बड़ा हिस्सा अखिल भारतीय प्रतिनिधि का भी होता है। जो सक्रिय स्वयंसेवकों का है।
इसमें शामिल करीब 50 सक्रिय स्वयंसेवकों का प्रतिनिधित्व एक प्रान्त प्रतिनिधि (राज्य प्रतिनिधि) द्वारा किया जाता है। प्रत्येक अखिल भारतीय प्रतिनिधि 20 राज्य प्रतिनिधियों का प्रतिनिधित्व करता है।