कोलकाता । एसोचैम आयुष नेशनल टास्क फोर्स के अध्यक्ष डॉ सुदीप्त नारायण रॉय ने कहा कि भारतीय होम्योपैथी क्षेत्र आयुष उत्पादों के निर्यात में अग्रणी हो सकता है। गत 27 मार्च को रथिंद्र मंच, जोड़ासांको ठाकुरबाड़ी में डॉ साहिदुल इस्लाम, राष्ट्रीय संयुक्त सचिव, एचओएमएआई के नेतृत्व में आयोजित पीसीएम अस्पताल और मेडिकल कॉलेज के पहले एलुमनी सम्मेलन में उन्होंने कहा कि आयुष एक उभरता क्षेत्र है।
डॉ रॉय ने कहा कि विश्व स्तर पर होम्योपैथी उद्योग 14 फीसदी सीएजीआर से बढ़ रहा है और 2027 तक 18.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
उन्होंने सम्मेलन में शामिल 450 से अधिक होम्योपैथी चिकित्सकों से भारत में निर्मित होम्योपैथिक दवाओं को बढ़ावा और संरक्षण देकर 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा में सक्रिय रूप से भाग लेने की अपील की। उन्होंने आश्वासन दिया कि, भारतीय होम्योपैथी दवाओं के गुणवत्ता मानक आयातित यूरोपीय दवाओं के बराबर हैं।
उन्होंने कहा, उद्योग में 20 फीसदी वार्षिक वृद्धि दर के साथ भारत को होमियोपैथी का होम माना जाता है। 3 लाख से अधिक होम्योपैथ के साथ, भारत निकट भविष्य में समग्र स्वास्थ्य देखभाल का एक गंतव्य होगा।