नयी दिल्ली । पहली बार भारतीय सेना में महिला अधिकारियों को वह एग्जाम देने का मौका मिला जो अब तक सिर्फ पुरुष अधिकारियों के लिए सीमित ही था। यह डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज की परीक्षा है। 15 महिलाओं ने यह परीक्षा दी जिसमें छह महिला अधिकारी सफल हुईं। अब ये अगले साल मई से इस कोर्स का हिस्सा बनेंगी।
दरअसल स्टाफ कॉलेज कोर्स सेना में महिला अधिकारियों के आगे बढ़ने की राह भी खोलेगा। सफल छह महिला अधिकारी अब बाकी सफल पुरुष अधिकारियों के साथ तमिलनाडु के वेलिंगटन में स्टाफ कॉलेज में एक साल का कोर्स करेंगी और इससे सेना में उनके प्रमोशन के मौके बढ़ेंगे। अब तक स्टाफ कॉलेज में विदेशों की सेना की महिला अधिकारी तो आती रही हैं, लेकिन भारतीय सेना की महिला अधिकारी यहां पहली बार पहुंचेंगी।
अब तक क्यों नहीं आ सकीं महिलाएं?
दरअसल सेना में स्टाफ कॉलेज की परीक्षा वही दे सकता है जिनकी सात साल की नौकरी हो गई हो और जिसने जूनियर कमांड कोर्स या इसके बराबर का कोर्स किया हो। पहले सेना में सिर्फ मेडिकल कोर, लीगल और एजुकेशन कोर में ही महिला अधिकारियों के लिए परमानेंट कमिशन था और इनमें प्रमोशन के लिए स्टाफ कॉलेज करना कोई अतिरिक्त योग्यता नहीं थी। लेकिन अब सेना में आर्मी एयर डिफेंस, सिगनल्स, इंजीनियर्स, आर्मी एविएशन, इलैक्ट्रॉनिक्स एंड मैकेनिकल इंजीनियर्स, आर्मी सर्विस कोर, आर्मी ऑर्डिनेंस कोर और इंटेलिजेंस कोर में परमानेंट कमिशन की हकदार हैं।
इसका मतलब है कि वह इन सब ब्रांच में कर्नल और इससे ऊपर के किसी भी रैंक तक पहुंच सकती हैं। जब लेफ्टिनेंट कर्नल से कर्नल बनाने के लिए सिलेक्शन होता है और कर्नल से ब्रिगेडियर बनने के लिए तो इसमें स्टाफ कॉलेज वालों को एक्स्ट्रा मार्क्स मिलते हैं। यानी उनके प्रमोशन की संभावना बढ़ जाती है। जिन नई ब्रांच में महिलाओं को परमानेंट कमिशन मिला है, उनमें भी स्टाफ कॉलेज करने के बाद प्रमोशन के मौके बढ़ेंगे। इसीलिए सेना के इतिहास में पहली बार महिला अधिकारी स्टाफ कॉलेज कोर्स करेंगी।
पुरुष अधिकारियों से बेहतर
स्टाफ कॉलेज में सेना की 260 सीटें हैं। यहां अपनी जगह बनाने के लिए महिला अधिकारियों ने पुरुष अधिकारियों से मुकाबला किया। इस 260 सीटों के लिए करीब 1,500 पुरुष अधिकारियों ने अप्लाई किया था तो महिला अधिकारियों की संख्या 15 थी। 15 में से 6 महिला अधिकारी इसमें अपनी जगह बनाने में सफल रहीं। बाकी सीटों पर पुरुष अधिकारी कोर्स की पढ़ाई करेंगे।
अकेला कोर्स जिसमें पहुंचते हैं प्रतियोगिता के जरिए
भारतीय सेना में कमिशन होने से लेकर जनरल बनने तक स्टाफ कॉलेज कोर्स ही इकलौता ऐसा कोर्स है जिसके लिए सिलेक्शन प्रतियोगिता के जरिए होता है। बाकी सभी कोर्स चाहे वह हायर कमांड कोर्स हो, जूनियर कमांड कोर्स, सीनियर कमांड कोर्स या फिर एनडीसी हो, इन सभी में अधिकारियों को उनकी प्रोफाइल के आधार पर नॉमिनेट किया जाता है। एक साल का स्टाफ कॉलेज कोर्स अधिकारियों को हायर स्टाफ अपॉइंटमेंट के लिए तैयार करता है।