कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण से निपटने के लिए भारतीयों वैज्ञानिकों ने त्वरित जांच के लिए नई किट विकसित करने में सफलता पाई है। वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) से जुड़े जिनोमिकी और समवेत जीव विज्ञान संस्थान (आईजीआईबी) के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित यह पेपर-स्ट्रिप आधारित परीक्षण किट है। इसकी मदद से कम समय में संक्रमण का पता लगाया जा सकता है।
आईजीआईबी के वैज्ञानिक डॉ. सौविक मैती और डॉ. देबज्योति चक्रवर्ती की अगुवाई वाली टीम द्वारा विकसित यह किट एक घंटे से कम समय में कोरोना वायरस (एसएआरएस-सीओवी-2) के वायरल आरएनए का पता लगा सकती है। खास बात यह है कि फिलहाल परीक्षण विधियों के मुकाबले पेपर-स्ट्रिप किट काफी सस्ती है।
एक बार इसके विकसित होने और व्यापक प्रयोग से कोरोना जांच से निपटने में मदद मिल सकती है। चक्रवर्ती ने बताया, संक्रमित व्यक्ति में कोरोना के जीनोमिक अनुक्रम की पहचान के लिए पेपर-किट में जीन-संपादन की अत्याधुनिक तकनीक क्रिस्पर-कैस-9 का उपयोग है।
वैधता परीक्षण पूरा होने के बाद इसका उपयोग जाँच के लिए किया जा सकेगा। इसके उपयोग से परीक्षण की लागत करीब 500 रुपये आती है। वैज्ञानिक इस टूल पर दो साल से काम कर रहे हैं। जनवरी के अंत में, चीन में कोरोना का प्रकोप बढ़ा तो कोविड-19 का पता लगाने में इसका प्रयोग किया।
सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ शेखर सी मांडे के अनुसार किट के विकास से जुड़े प्राथमिक परिणाम उत्साहजनक हैं। प्राथमिक नतीजे सीमित नमूनों पर हैं। इसका परीक्षण बड़े पैमाने पर हो रहा है। दूसरे देशों से मंगाए नमूनों पर भी परीक्षण हो रहा है। नियामक निकायों से अनुमति मिलने के बाद किट का उपयोग परीक्षण के लिए किया जा सकता है।