मिली जानकारी के मुताबिक, इस अध्यादेश के जरिये भारत से बाहर की संपत्तियों को संबंधित देश के सहयोग से जब्त किया जा सकेगा। अपराध करके विदेश भागने वालों को अदालत में दोषी ठहराये बिना भी उनकी संपत्ति जब्त करने का प्रावधान है। विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे कई आर्थिक अपराधियों के देश से बाहर खिसक जाने के बीच यह कदम उठाया जा रहा है। इसके जरिए सरकार संदेश देना चाहती है कि देश को आर्थिक नुकसान पहुंचा कर विदेश भाग जाने वाले अब बच नहीं पाएंगे। इस अध्यादेश के प्रावधान उन आर्थिक अपराधियों पर लागू होंगे जो विदेश भाग गए और भारत लौटने से इनकार करते हैं। यह कानून उन लोगों के खिलाफ इस्तेमाल होगा जिन पर 100 करोड़ रुपये से अधिक की राशि बकाया हो और वे इसे वापस नहीं कर रहे हों। इसमें यह भी प्रावधान है कि ऐसे भगोड़े आर्थिक अपराधी की संपत्ति को उसके दोषी ठहराये जाने से पहले ही जब्त किया जा सकेगा और उसे बेचकर कर्ज देने वाले बैंक का कर्ज चुकाया जायेगा। इस तरह के आर्थिक अपराधियों के मामले की सुनवाई मनी लांड्रिंग कानून के तहत होगी।
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भगोड़ों की संपत्ति होगी जब्त, अध्यादेश को मिली कैबिनेट की मंजूरी
नई दिल्ली : आर्थिक घपले-घोटाले कर देश से भागने वाले अपराधियों की संपत्ति अब जब्त की जा सकेगी। पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने इससे संबंधित अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। राष्ट्रपति की सहमति के बाद इस पर मुहर लग जाएगी। भगोड़ों पर लगाम कसने के लिए लोकसभा में 12 मार्च को भगोड़ा आर्थिक अपराधी बिल 2018 पेश किया गया था, लेकिन संसद में हंगामे के चलते यह बिल पास नहीं हो पाया। इसीलिए अब इस बारे में अध्यादेश लाने का फैसला लिया गया है। इसमें भारत में आर्थिक फ्रॉड कर विदेश भागने वाले अपराधियों की संपत्ति को जब्त करने समेत कई सख्त प्रावधान शामिल किये गए हैं।