न्यूयॉर्क से भी बड़ा है आकार
अंटार्कटिका में ब्रंट आइस शेल्फ से बर्फ को बड़ा हिस्सा गत शुक्रवार को टूटकर अलग हो गया। यह जगह ब्रिटेन की साइंटिफिक आउटपोस्ट से बहुत दूर नहीं है। ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वे (बीएएस) के मुताबिक, आइसबर्ग का टूटा हुआ हिस्सा 490 वर्ग मील (1270 वर्ग किलोमीटर) का है। यह साइज में न्यूयॉर्क शहर से भी बड़ा है। बीएएस के मुताबिक, यहां बर्फ की मोटाई करीब 150 मीटर है। इसमें बड़ी दरारें पड़ने के कारण वैज्ञानिक काफी समय से एक बड़े आइसबर्ग के टूटने की आशंका जता रहे थे। अभी इस जगह एक खाई सी तैयार हो गयी है। नवंबर में यहां एक बड़ी दरार दिखाई दी थी। जनवरी में यह एक किलोमीटर तक आगे बढ़ गई।
कई सौ मीटर चौड़ी हुई दरार
बीएएस ने कुछ दिन पहले बनाया इसका वीडियो जारी किया है। इसमें आइसबर्ग की लंबी दरार दिखाई दे रही है। यह दरार शुक्रवार सुबह कई सौ मीटर तक चौड़ी हो गई। इस वजह से यह हिस्सा अलग हो गया। बीएएस के डायरेक्टर जेन फ्रांसिस का कहना है कि हमारी टीमें कई साल से इस स्थिति के लिए तैयार हैं। सैटेलाइट इमेज और उनके नेटवर्क के जरिए इस जगह का हर रोज का अपडेट मिलता है। इस डेटा को एनालिसिस के लिए कैंब्रिज में भेज दिया जाता है। इसलिए हम जानते हैं कि अंटार्कटिक में क्या हो रहा है।
सर्दी की वजह से बंद है रिसर्च स्टेशन
बीएएस का हैली रिसर्च स्टेशन इस समय सर्दियों की वजह से बंद है। इसमें रहने वाला 12 लोगों का स्टाफ इस महीने की शुरुआत में यहां से निकल गया था। 1956 से ब्रंट आइस शेल्फ पर कई जगह 6 हैली रिसर्च स्टेशन बने हैं। सर्दियों में यहां कोई स्टाफ नहीं रहता। इस दौरान यहां का तापमान माइनस 50 डिग्री सेल्सियस तक नीचे गिर जाता है।
बीएएस ने एहतियात के तौर पर 2016 में हैली रिसर्च स्टेशन की जगह बदल दी थी। 2017 के बाद से स्टाफ यहां सिर्फ गर्मियों में काम कर रहा है, क्योंकि सर्दियों के दौरान उनका निकलना मुश्किल हो जाता है। BAS ने कहा कि 4 साल पहले हमने रिसर्च स्टेशन को दूर ले जाने का फैसला लिया था। हमें पता था कि जब आइसबर्ग टूटेगा तो फिर ऐसा नहीं कर पाएंगे। यह समझदारी भरा फैसला था।
हर साल 2 किमी खिसक जाती है बर्फ की परत
बर्फ की शेल्फ हर साल लगभग 2 किलोमीटर समुद्र की ओर बहती है। इसी के कुछ हिस्से टूट जाते हैं। BAS के मुताबिक, यह एक नेचुरल प्रोसेस है। 2017 में लार्सन सी आइस शेल्फ से भी बड़ा आइसबर्ग टूट गया था। पिछले साल के आखिर तक यह समुद्र में तैरने लगा था। लार्सन सी आइस शेल्फ पर देखी गई घटनाओं का इससे कोई संबंध नहीं है। इस बात का भी कोई सबूत नहीं है कि आइसबर्ग के अलग होने के पीछे क्लाइमेट चेंज है।