कोलकाता । कोलकाता के तीन साल आठ महीने के अनिश सरकार ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार जीतकर इतिहास रच दिया है। दुनिया के सबसे कम उम्र के फिडे रेटिंग प्राप्त खिलाड़ी बनने वाले अनिश को गुरुवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित समारोह में इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया। इसे लेकर अनीश के परिजनों, उसके पड़ोसियों और जानने वालों में खुशी की लहर है।
राष्ट्रपति ने 14 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 17 बच्चों को सात अलग-अलग श्रेणियों में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार प्रदान किया। इनमें सात लड़के और 10 लड़कियां शामिल थीं। सबसे कम उम्र के विजेता के रूप में अनिश ने इस समारोह में सभी का ध्यान खींचा। कोलकाता के कैखाली इलाके के रहने वाले अनिश सरकार ने केवल तीन साल आठ महीने की उम्र में फिडे रेटिंग हासिल कर एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाया। इस उपलब्धि के लिए उन्होंने तीन अलग-अलग फिडे रेटेड खिलाड़ियों के खिलाफ जीत दर्ज की। इससे पहले यह रिकॉर्ड भारत के ही तेजस तिवारी के नाम था, जिसे अनिश ने तोड़ दिया। अनिश की मां के अनुसार, जब वह सिर्फ दो साल आठ महीने के थे, तभी शतरंज के प्रति उनका गहरा लगाव देखा गया। अप्रैल 2024 में अनिश को ग्रैंडमास्टर दिव्येंदु बरुआ के शतरंज प्रशिक्षण केंद्र में दाखिला दिलाया गया। यहां से उनकी शतरंज की यात्रा ने नई ऊंचाइयों को छुआ। अनीश सप्ताह में तीन दिन, बुधवार, शुक्रवार और शनिवार को, दोपहर 12 बजे से रात आठ बजे तक शतरंज का गहन अभ्यास करते हैं। प्रशिक्षण के दौरान वे एक घंटे का ही ब्रेक लेते हैं। उनके माता-पिता कैखाली से चक्रबेरिया के इस केंद्र तक रोजाना चार घंटे का सफर तय करते हैं।
अनिश की मां ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि इतनी कम उम्र में यह उपलब्धि उनकी कल्पना से परे थी। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अनिश की इस सफलता को बरकरार रखने और ग्रैंडमास्टर बनने तक का सफर चुनौतीपूर्ण होगा। अनीश की मां ने बताया कि वह एक गृहिणी हैं और अनीश के पिता पेशे से शिक्षक हैं। हालांकि, वे अपने बेटे की सफलता के बावजूद अपना नाम मीडिया में नहीं लाना चाहते थे। गौरतलब है कि अनिश एंटाली स्थित सेंट जेम्स स्कूल के छात्र हैं। उनके माता-पिता ने अपना नाम गुप्त रखने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा, “जिस दिन अनिश ग्रैंडमास्टर बनेगा, उसी दिन हम अपना नाम सार्वजनिक करेंगे।” इस सफलता के साथ, अनिश न केवल कोलकाता बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय बन गए हैं। उनका यह सम्मान बाल प्रतिभाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।