पत्रकारिता की हकीकत फिल्म में दिखाएँगे फोटो पत्रकार से फिल्मकार बने शैलेंद्र

दुनिया को सच दिखाने वाले मीडियावालों की निजी जिन्दगी और राजनीतिक दबाव में प्रेस की हालत कैसी होती जा रही है इसी विषय पर ‘जर्नलिज्म डिफाइन (जेडी)’ फिल्म बनाकर फोटो जर्नलिस्ट शैलेंद्र पांडेय बॉलीवुड में डेब्यू कर रहे हैं। अपनी फिल्म से ‘वर्तमान पत्रकारिता का सच’ उजागर करने की बात करते हुए शैलेंद्र ने सेंसर बोर्ड पर उंगली उठाई है।

शैलेंद्र इन दिनों दिल्ली में एक शीर्ष मीडिया हाउस में बतौर नेशनल फोटो एडिटर काम कर रहे हैं। कई राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुके शैलेंद्र ने दो साल पहले जेडी फिल्म की कहानी लिखी थी। इस फिल्म को पहले वह कम बजट में ही बनाना चाहते थे लेकिन फिर कुछ ऐसे मददगार मिल गए जिन्होंने फिल्म को मल्टीप्लेक्स तक पहुंचा दिया। जेडी फिल्म रिलीज हो चुकी है। कानपुर और आसपास जिलों के सिनेमाघरों में ये फिल्म जल्द ही लग जाएगी। शैलेंद्र ने बताया कि फिल्म में दिखाया गया है कि जो पत्रकार शोषण, अत्याचार और घोटालों की खबरें छापकर जनता के सामने सच उजागर करते हैं दरअसल उनका क्या हाल है, वे किन परेशानियों से गुजरते हैं, उन पर कैसे-कैसे राजनीतिक दबाव होते हैं यही सच्चाई जेडी फिल्म में देखने को मिलेगी।

डायरेक्टर-प्रोड्यूसर शैलेंद्र पांडेय ने बताया कि सेंसर बोर्ड ने फिल्म ‘जर्नलिज्म डिफाइन (जेडी)’ को ‘ए’ सर्टिफिकेट दिया है। जबकि फिल्म में ऐसा कुछ नहीं है जो परिवार के साथ देखने लायक न हो। फिल्म को सर्टिफिकेट तो पहलाज निहलानी के कार्यकाल में ही मिल गया था लेकिन प्रोमो का सेंसर रिलीज के दिन मिला। प्रोमो  का सेंसर रिलीज देर से करने के पीछे सेंसर बोर्ड की क्या मंशा रही इस पर शैलेंद ने सेंसर बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) के अध्यक्ष प्रसून जोशी को ओपन लेटर लिखा है। प्रोमो का सेंसर सर्टिफिकेट देरी से मिलने के कारण फिल्म का प्रोमा और ट्रेलर टीवी या सिनेमाघरों में रिलीज़ नहीं किया जा सका

जेडी फिल्म लखनऊ  के एक ईमानदार पत्रकार जय द्विवेदी की कहानी है जो एक विवाद में फंस जाता है। जय के पिता लखनऊ के जाने-माने डेंटिस्ट होते हैं। जय ने पत्रकारिता की पढ़ाई अमेरिका से की है। डॉक्टर पिता को पसंद नहीं होता कि उसका बेटा पत्रकारिता अपनाये। फिल्म की कहानी कहीं न कहीं तहलका पत्रिका के संपादक तरुण तेजपाल के जीवन से प्रेरित होती नजर आती है। फिल्म के निर्माता और निर्देशक शैलेंद्र पांडेय तहलका पत्रिका में फोटो एडिटर के तौर पर काम कर चुके हैं। हालांकि अमर उजाला को दिए इंटरव्यू में शैलेंद्र पाण्डेय ने फिल्म के तरुण तेजपाल के जीवन से प्रेरित होने से इनकार किया है। फिल्म में वास्तविक जीवन के कई चर्चित नाम भी नजर आएंगे। गोविंद नामदेव, अमन वर्मा, वेदिता प्रताप सिंह, अरविंद गौड़ मुख्य भूमिका में हैं। अमिताभ बच्चन और मुलायम सिंह यादव के करीबी माने जाने वाले राजनेता अमर सिंह फिल्म में ईमानदार नेता की भूमिका में दिखेंगे। फिल्म में न्यूज चैनल की पूर्व एंकर तनु शर्मा भी अहम भूमिका में होंगी। फिल्म की पटकथा कुमार विजय और शैलेंद्र पाण्डेय ने लिखी है। लोकप्रिय टीवी सीरियल हिटलर दीदी से चर्चा में आई जसवीर कौर ने फिल्म में आइटम डॉन्स किया जो कनपुरिया नौटंकी पर आधारित है। फिल्म में छह गाने हैं। गीत कुमार विजय और साहिल फतेहपुरी ने लिखे हैं। फिल्म के दो गानों की कोरियोग्राफी संदीप सोपारकर ने की है। फिल्म में एक नौटंकी गीत है जो मूल कनपुरिया नौटंकी से ही लिया गया है।

शैलेंद्र इन दिनों नोएडा मे अपने परिवार के साथ रह रहे हैं। उन्होंने अपनी पहले बॉलीवुड फिल्म जेडी की शूटिंग नोएडा-मुंबई के अलावा गोआ, कानपुर, लखनऊ और उन्नाव में भी की है। ‘जेडी’ में उन्होंने अपने पैतृक गांव बीघापुर का मशहूर संदोही माता का मंदिर भी दिखाया है। पत्रकारिता में करियर शुरू करने से पहले उन्हें रक्षा क्षेत्र में जाने की बहुत तमन्ना थी इसी की तैयारी करने वह दिल्ली गए थे। लेकिन किस्मत में कुछ और ही लिखा था। साल 2004 दिसंबर में नीदरलैंड में हुए आरएनजी प्रेस फोटो एग्जिबिशन में शैलेंद्र की तस्वीरें खूब सराही गईं जिसके लिए उन्हें रामनाथ गोयनका अवॉर्ड दिया गया। इस आरएनजी अवॉर्ड में वर्ल्ड प्रेस की विजिट शामिल थी। भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए शैलेंद्र लेमोन्ड इंटरनेशनल फ्रेन्च मैगजीन में टॉप-12 वर्ल्ड फोटोग्राफर्स में चुने गये थे।

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