मुम्बई । बृहन्मुम्बई महानगरपालिका (बीएमसी) में कार्यरत 50 साल के सफाईकर्मी ने अपने पहले प्रयास में 10वीं का एग्जाम पास किया है। उन्हें 57 फीसदी नंबर मिले हैं। अब वह 12वीं भी पास करना चाहते हैं। 10वीं करने के फैसले के पीछे एक खास वजह भी है। दरअसल जब भी वह अपना वेतन बढ़ाने के लिए कहते तो बीएमसी अधिकारियों उनसे कहते कि पढ़ाई करने पर सब मिलेगा। यह कहानी है 50 साल के बीएमसी सफाईकर्मी कुंचिकोरवे माशन्ना रामप्पा की। उन्होंने बताया, ‘ज्यादा पढ़ा लिखा न होने की वजह से मेरी सैलरी कम थी, मुझे ग्रेड्स नहीं मिल पा रहे थे। जब मैंने बीएमसी अधिकारियों से कहा तो उन्होंने बोला कि पढ़ाई करने पर सब मिल जाएगा।’
नाइट स्कूल में जाकर तीन घंटे पढ़ाई
कुंचिकोरवे रामप्पा ने बताया, ‘यह मेरा पहला प्रयास था। मुझे 57 फीसदी नंबर मिले।’ रामप्पा ने नौकरी करते हुए ही पढ़ाई के लिए समय निकाला। वह नाइट स्कूल जाकर रोज तीन घंटे पढ़ते थे। उन्होंने बताया, ‘मैं रोज तीन घंटे पढ़ता था। मेरे बच्चे ग्रैजुएट हैं, उन्होंने भी पढ़ाई में मेरी मदद की। अब मैं 12 वीं पास करना चाहता हूं।’
इतने नंबर मिले
रामप्पा ने महाराष्ट्र के राज्य माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के तहत 10वीं की परीक्षा पास की है। उन्हें मराठी में 54, हिंदी में 57, इंग्लिश में 54, गणित में 52, साइंस ऐंड टेक्नॉलजी में 63 और सामाजिक विज्ञान में 59 नंबर मिले हैं। गौरतलब है कि गत शुक्रवार को महाराष्ट्र के राज्य माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने कक्षा 10वीं के परिणाम की घोषणा हुई। रिजल्ट ऑनलाइन माध्यम से जारी किया गया। महाराष्ट्र बोर्ड ने कक्षा 10वीं के छात्रों के लिए 15 मार्च से 4 अप्रैल 2022 तक राज्य बोर्ड परीक्षा आयोजित की थी। परीक्षा में लगभग 14 लाख छात्रों ने भाग लिया था।