नयी दिल्ली : आप अगर वेतनभोगी तबके से आते हैं तो आप इस बात से अवगत होंगे कि हर महीने आपकी सैलरी से एक निश्चित राशि पीएफ फंड में जमा होती है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) इस फंड को मैनेज करता है। दरअसल, पीएफ फंड में जमा राशि आपके लिए एक बड़ी पूंजी होती है। टैक्स और निवेश विशेषज्ञ हमेशा इस बात पर जोर देते हैं कि पीएफ फंड में जमा राशि को बहुत अपरिहार्य स्थिति में ही निकालना चाहिए। विशेषज्ञों की दलील यह होती है कि पीएफ खाते एवं पीएफ फंड में जमा रकम पर आपको कई तरह के एक्सक्लूसिव लाभ मिलते हैं, जो अन्य फंड्स में कम ही देखने को मिलते हैं। जानिए पीएफ से जुड़े खास फायदे
आपको कर्मचारी भविष्य निधि यानी ईपीएफ खातों में कई अन्य स्कीम के मुकाबले ज्यादा ब्याज मिलता है। ईपीएफओ हर वित्त वर्ष के लिए पीएफ राशि पर मिलने वाले ब्याज दर की घोषणा करता है। चालू वित्त वर्ष में ईपीएफओ ने 8.5 फीसद की दर से ब्याज देने का फैसला किया है।
इस स्कीम पर आपको आयकर अधिनियम की धारा 80 (सी) के तहत टैक्स छूट का लाभ मिलता है।
सरकार नौकरी जाने और अन्य जरूरतों के लिए पीएफ राशि में जमा रकम से आंशिक निकासी की अनुमति देता है। सरकार ने कोविड महामारी के समय में भी आंशिक निकासी की विशेष इजाजत पीएफ अंशधारकों को दी है।
इस स्कीम के तहत पेंशन स्कीम, 1995 (ईपीएस) के तहत आजीवन पेंशन मिलती है। अगर ईपीएफओ का सदस्य फंड में नियमित तौर पर अंशदान कर रहा है, तो उसकी दुर्भाग्यपूर्ण मौत की स्थिति में परिवार के सदस्य इंश्योरेंस स्कीम, 1976 का लाभ उठा सकते हैं। यह रकम पिछले वेतन के 20 गुना के बराबर हो सकती है। यह राशि अधिकतम 6 लाख तक हो सकती है।
पीएफ खाते में इस अनुपात में जमा होती है रकम
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आप इस बात से अवगत होंगे कि नियोक्ता एवं कर्मचारियों को कर्मचारी के मूल वेतन एवं महंगाई भत्ता के 12 फीसद के बराबर की रकम पीएफ फंड में जमा करना होता है। ईपीएफ एक्ट के तहत पंजीकृत कम्पनी के कर्मचारी ही पीएफ फंड में अपनी ओर से निवेश कर सकते हैं।