नीलांबर संस्था द्वारा एक सांझ कविता की विषय पर आईसीसीआर सभागार में एक काव्यपाठ एवं कवि पाठक-संवाद का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कविता को लोकप्रिय बनाने के लिए संस्था की ओर से मल्टीमीडिया का सकारात्मक उपयोग कर उसे डिजीटल रूप में प्रस्तुत किया गया। एक सांझ कविता के पहले आयोजन में अशोक सिंह (दुमका), नीलम सिंह, नीलकमल, विमलेश त्रिपाठी, आनन्द गुप्ता और संजय राय ने अपनी कविताओं का पाठ किया। इन कवियों का परिचय और इनकी कविताओं के पाठ बिल्कुल अभिनव ढंग से कराया गया। इस कार्यक्रम में आलोचक को तौर पर प्रो. वेदरमण, प्रियंकर पालीवाल, प्रफुल्ल कोलख्यान ने कविताओं के संबंध में अपने अपने वक्तव्य रखे। प्रो. वेदरमण ने कहा – कविता मूलत: सिर्फ सुंदर शब्दों का संचयन नहीं है, और संवदनाओं की अतिरेकता कविता के तत्वों को कृत्रिम कर देता है। प्रियंकर पालीवाल ने कहा कि जहाँ बाजार साहित्य को हाशिये पर ला रहा है, वहीं नीलांबर की ये पहल साहित्य मुख्यधारा में शामिल करने की पहल है। प्रफुल्ल कोलख्यान ने कविता के लोक तत्वों पर बात रखते हुए कहा कि इन कवियों से असीम संभावनाएं है। संगोष्ठी के अध्यक्ष प्रो. शंभुनाथ ने कहा ‘ सचमुच कविता की ये सुंदर सांझ थी, यह हमें आशान्वित करती है कि कविता जीवन के बचाने लिए प्रतिबद्ध है। कविता के इस नए रूप से जीवन को देखा जाना अभूतपूर्व है। मैंने ऐसा कार्यक्रम आज तक नहीं देखा था। इस कार्यक्रम में मुक्तिबोध, सर्वेश्वर और अरूण कमल की कविताओं की पर आधारित विडियो फिल्म भी दिखाया गया। इस कार्यक्रम में डिजीटल माध्यम से चर्चित कवियत्री और लेखिका रश्मि भारद्वाज (दिल्ली), समीक्षक निवेदिता भावसर (उज्जैन), कवि एवं लेखक वीरू सोनकर (कानपुर), लेखक एवं प्रो. संजय जायसवाल और अर्चना खंडेलवाल (कोलकाता) एवं राजभाषा अधिकारी विनोद यादव ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। श्रोता के रूप में आये कवि राज्यवर्द्धन जी ने कहा यह कार्यक्रम मील की पत्थर साबित होगी। कविताओं पर एक कोलाज ममता पाण्डेय, निधि पाण्डेय, पंकज सिंह, सृष्टि सिंह, अभिषेक पाण्डेय अवधेश शाह, प्रदीप तिवारी और विशाल पाण्डेय ने प्रस्तुत किया। प्रिया और पूनम सिंह ने अतिथियो का पारंपरिक रूप से स्वागत किया। संस्था के सचिव ऋतेश पाण्डेय ने कहा कि ये एक सांझ कविता की अनवरत चलता रहेगा, फिलहाल हम आर्थिक रूप से इतने सृदृढ़ नहीं है, लेकिन धीरे धीरे हम इसका विस्तार अलग अलग राज्यों में भी करेंगे। पूरे कार्यक्रम का संचालन ममता पाण्डेय ने किया। धन्यवाद ज्ञापन दिया राहुल शर्मा ने।
4 thoughts on “नीलाम्बर ने कविता के नाम की एक अभूतपूर्व साँझ”
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good
nice
NIce story.
निश्चित तौर पर एक बेहतरीन कार्यक्रम