कोलकाता : एक साँझ कविता की -4 में नीलांबर ने कुछ नये प्रयोग किए हैं ।इसी कड़ी में अलग से 11 जून की शाम को कविता पर एक बातचीत आयोजित की गई। इस टॉक शो का विषय था -‘इक्कीसवीं सदी का संकट और समकालीन हिंदी कविता’। आमंत्रित कवि राजेश जोशी और अनामिका ने इस विषय पर अपनी-अपनी बात रखी। राजेश जोशी ने कहा कि कठिन से कठिन समय में याद आने वाली चीज कविता है। विषय पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि नब्बे के बाद की कविता में बिम्ब कम हुए और कविता आख्यानात्मक हुई । अनामिका ने कहा कि कविता मनुष्यता की भाषा है और इसका स्वभाव स्त्री की तरह है।विषय पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि पहले की कविता में काल बोध था पर वर्तमान की कविता में स्थानीयता का बोध अधिक है।दोनों वक्ताओं ने इस विषय पर सारगर्भित वक्तव्य दिया।कविता के इस संवाद में एक प्रश्नोत्तरी सत्र भी रखा गया था, जिसमें मृत्युंजय कुमार सिंह, एकांत श्रीवास्तव,डॉ. वेदरमण, डॉ. इतु सिंह, राज्यवर्द्धन,डॉ. गीता दुबे, अल्पना नायक,आनंद गुप्ता,ऋतु तिवारी ने वक्ताओं से अपने प्रश्न पूछे।कार्यक्रम का संचालन विमलेश त्रिपाठी ने किया।कार्यक्रम में डॉ. मीरा सिन्हा,प्रो. राजश्री शुक्ला, डॉ. सत्या उपाध्याय,डॉ. शुभ्रा उपाध्याय, निर्मला तोदी,दिनेश साव जैसे गणमान्य लोगों के अलावा संस्था के सदस्यगण एवं कई विद्यार्थियों तथा साहित्य प्रेमियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की।