मशहूर शायर कमर पीलीभीती नहीं रहे। गत रविवार को देर रात में उन्होंने अपने आवास पर आखिरी सांस ली। वह 80 वर्ष के थे। शहर के मोहल्ला सरायखाम निवासी कमरुज्जमा खां कमर पीलीभीती पिछले कुछ समय से बीमार थे। वह अपने पीछे एक बेटा और तीन बेटियां छोड़ गए हैं। उनकी पत्नी वर्षों पहले दुनिया से चल बसी थी, बच्चों की परवरिश उन्होंने अकेले ही की।
शायरी की दुनिया के वह एक सशक्त हस्ताक्षर थे। जब वह माइक पर शायरी करते थे तो उनकी आवाज का जादू लोगों के सिर चढ़ कर बोलता था। उनके इस शेर को अक्सर उनके चाहने वाले गुनगुनाते मिलते हैं। ठोकरें खाता हूं, मैं गिर के संभल जाता हूं। यह मेरी मां की दुआओं का असर लगता है। उन्हें सोमवार को इशां की नमाज के बाद सुपुर्दे खाक किया गया।