नयी दिल्ली : मशहूर कवि और पत्रकार विष्णु खरे नहीं रहे। वे 78 साल के थे। पिछले हफ्ते ब्रेन हैमरेज के बाद उन्हें दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां बुधवार को उन्होंने आखिरी सांस ली। खरे ने 30 जून को हिंदी अकादमी के उपाध्यक्ष का पद संभाला था। इंदौर से पत्रकारिता की शुरुआत की थी विष्णु खरे का जन्म मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में 1940 में हुआ था। उन्होंने इंदौर में इंग्लिश से एमए करने के बाद बतौर हिंदी पत्रकार करियर की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने लखनऊ, जयपुर, दिल्ली समेत कई शहरों में हिंदी अखबार के संपादक की भूमिका निभाई। खरे का पहला काव्य संग्रह ‘एक गैर रूमानी समय में’ था। 2008 में प्रकाशित ‘पठांतर’ उनके पांच काव्य संग्रहों में आखिरी था। खरे ने ब्रिटिश कवि टीएस इलियट की कविताओं समेत कई किताबों के अनुवाद भी किए।