नयी दिल्ली : नये सोशल मीडिया नियम इस क्षेत्र की कंपनियों के लिये अनुपालन की लागत बढ़ा सकते हैं। इससे फेसबुक जैसी बड़ी कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा कर पाना छोटी कंपनियों के लिये मुश्किल हो सकता है। उद्योग जगत के विशेषज्ञों का ऐसा मानना है। पिछले सप्ताह घोषित नये नियम सोशल मीडिया कंपनियों को दो वर्ग ‘सोशल मीडिया मध्यस्थ और महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मध्यस्थ’ में बांटते हैं। महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मध्यस्थ के लिये सरकार ने 50 लाख प्रयोगकर्ताओं की सीमा तय की है। इस श्रेणी में आने वाली कंपनियों को अतिरिक्त अनुपालन करना होगा।
फेसबुक जैसी बड़ी कंपनियों ने कहा कि वे अभी नियमों का अध्ययन कर रही हैं। कई लोगों ने नये नियमों की सराहना की है। इनका कहना है कि नये नियम शिकायत निवारण, फर्जी समाचार और उपयोगकर्ताओं की ऑनलाइन सुरक्षा जैसी चिंताओं को दूर करते हैं। हालांकि अनुपालन की में वृद्धि पर भी कई लोगों ने चिेता व्यक्त की है।
सॉफ्टवेयर फ्रीडम लॉ सेंटर (एसएफएलसी) की संस्थापक मिशी चौधरी ने कहा कि नियम अनुचित बोझ और अनुपालन बढ़ाने वाले हैं। ये इस क्षेत्र में प्रवेश को मुश्किल बना सकते हैं और हर किसी के लिसे अनुपालन की लागत बढ़ा सकते हैं। भारत में व्हॉट्सएप के 53 करोड़, यूट्यूब के 44.8 करोड़, फेसबुक के 41 करोड़, इंस्टाग्राम के 21 करोड़ और ट्विटर के 1.75 करोड़ उपयोक्ता हैं।
टेलीग्राम और सिग्नल जैसी कंपनियां उपयोक्ताओं की संख्या के बारे में जानकारी नहीं देती हैं। हालांकि, गोपनीयता संबंधी विवाद उठने के बाद हालिया समय में इन कंपनियों का डाउनलोड ठीक-ठाक बढ़ा है। टेलीग्राम ने नये नियमों के प्रभाव पर प्रश्नों का जवाब नहीं दिया।