नयी दिल्ली : दुनियाभर में कोरोना महामारी का कहर जारी है। ऐसे में घर से बिना मास्क बाहर निकलने पर भारत समेत कई देशों ने पाबंदी लगा दी है। लेकिन बाजार में बिक रहे ज्यादातर मास्क सिंगल टाइम इस्तेमाल करने वाले है। तो कई मास्क वायरस को रोकने के लिए सक्षम नहीं है। वहीं ज्यादातर मास्क ईको-फ्रैंडली ना होने के कारण उनका सही से निस्तारण नहीं हो पाता है। और वे पर्यावरण को प्रदूषित कर रहे हैं।
इन सब बातों को ध्यान में रखकर दिल्ली आईआईटी की एलुमनी छात्रा डॉ. अनसूया रॉय और टेक्सटाइल एंड फाइबर इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी दिल्ली की निदेशक व स्टार्टअप की संस्थापक प्रोफेसर मंगला जोशी ने मिलकर एक एंटी-माइक्रोबियल और वॉशेबल फेस मास्क बनाया है। जो बाजार में एन-95 से कम कीमत के साथ-साथ 50 बार धोकर इस्तेमाल किया जा सकता है। एन-सेफ नाम का ये मास्क भारत के बाद अब दुनिया के कई देशों के बाजारों में बिकता नजर आएगा। क्यों कि विश्व के कई देशों ने इस मास्क की डिमांड के साथ-साथ इसे बनाने की तकनीक को खरीदने को तैयार है।
दुनिया में इसलिए बढ़ी भारतीय मास्क की माँग
मास्क को बनाने में आईआईटी दिल्ली की पूर्व छात्र और नैनो-सेफ सॉल्यूशंस की संस्थापक व सीईओ डॉ अनसूया रॉय ने बताया कि कोरोना वायरस के कारण दुनिया के कई देशों में लोगों में उत्पन्न एंटी चाइना सेंटिमेंट के चलते चीनी उत्पादों का बहिष्कार करना शुरू कर दिया है। चीन दुनिया का मैन्यूफैक्चरिंग हब है क्यों कि वहां उत्पादन लागत कम आती है। लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण चीनी उत्पादों का दुनिया के कई देशों के साथ-साथ वहां के नागरिकों ने भी बहिष्कार कर रहे हैं। ऐसे में दुनियां में भारतीय मास्क की माँग ज्यादा होने लगी है।
आईआईटी दिल्ली की एलुमनी डॉ अनसूया रॉय और प्रो. मंगला जोशी द्वारा विशेष तकनीक से तैयार किए मास्क एन-सेफ की डिमांड यूनाइटेड किंग्डम, लेटिन अमेरिका, यूएस, मैक्सिको, दुबई, म्यांमार, नेपाल, अफ्रीका, कनाडा, वेस्टइंडीज, न्यूजीलैंड समेत कई देशों ने की है। यहां जल्द ही मास्क की बड़ी खेप निर्यात की जाएगी। साथ ही इनमें से कुछ देशों ने तकनीक ट्रांसफर कर वहीं पर साझेदारी में मास्क उत्पादन की भी मांग की है।
(साभार – दैनिक भास्कर)