रेकी तेजी से लोकप्रिय होती उपचार पद्धति है जो कम खर्च में गम्भीर से गम्भीर बीमारियों के उपचार में सहायक है। एक एफसीएस, लेखक, संगीतज्ञ के साथ ज्योतिष का ज्ञान रखने वाले रेकी प्रैक्टिसनर गौरव लोयलका इसके बारे में विस्तार से बता रहे हैं। –
इस क्षेत्र में आने की प्रेरणा कैसे मिली?
अनगिनत लोग दर्द से गुजरते हैं क्योंकि कोई इलाज नहीं मिल पाता। रेकी प्रैक्टिसनर होने के नाते मै जानता हूँ कि हमारी सभी बीमारियाँ इमोशनल ब्लॉकेज के कारण हैं और वह हमारे भीतर हैं। मैंने यह कला सबसे बेहतरीन तरीके से लोगों की मदद करने में सक्षम होने के लिए की है। मैं आपको संक्षेप में उन क्षेत्रों के बारे में बताना चाहूँगा कि जहाँ रेकी मरीजों को स्वस्थ करती है, इसे किस तरीके से प्रयोग में लाया जाता है और यह चिकित्सकीय व्यवस्था के लिए भी सटीक है।
चिकित्सकीय व्यवस्था में रेकी विस्तार की ओर है
हमने चीजों को समझना शुरू कर दिया है कि हमारा दिल सच्चा है मगर हम इसे कभी माप नहीं सके। चूँकि हम समझने लगे हैं कि हम अपने शरीर के बारे में बहुत कम जानते हैं तो हमें यह महसूस हुआ है कि औषधि के क्षेत्र में बड़ा कदम उर्जा औषधि यानी एनर्जी मेडिसिन है।
रेकी को आम स्वास्थ्य सुविधा के साथ जोड़कर न सिर्फ उपचार हो सकता है बल्कि यह लाइलाज रोगों का भी समाधान देती है क्योंकि रेकी शरीर को उसे खुद ठीक होने के लिए उसकी सृजनात्मक क्षमता देती है। रेकी स्वास्थ्य उपचार योजना का हिस्सा है इसलिए रेकी से नाटकीय हीलिंग शिफ्ट यानी स्वस्थ होने की सम्भावना हैं। रेकी संस्थानों में अपनी जगह बना रही है। मरीजों से लेकर क्लिनिकल प्रैक्टिशनर्स में इसकी माँग लगातार बढ़ रही है।
परम्परागत इलाज अपनाने के बावजूद अधिक से अधिक मरीज इससे अधिक की माँग कर रहे हैं जिसे अस्पताल आवश्यकता को ध्यान में रखकर इस तरह की थेरेपी की सुविधा देकर पूरा भी कर रहे हैं। एएचए सर्वे के अनुसार अमेरिका के अस्पतालों में रेकी तीन शीर्ष थेरेपी में शामिल है जो मरीजों के लिए इस्तेमाल की जाती है। इनमें मसाज थेरेपी का स्थान 37 प्रतिशत के साथ पहला है, दूसरे स्थान पर संगीत और कला थेरेपी है जिसे 25 प्रतिशत लोग अपनाते हैं और इसके साथ ही बेहद कम अन्तर से हीलिंग टच थेरेपी भी शामिल है जिनमें रेकी और दूसरी स्पर्श चिकित्सा उपचार पद्धति शामिल हैं। रेकी में मरीज का अधिक से अधिक उपचार कम से कम समय में होता है।
अस्पतालों में रेकी की स्वीकृति तेजी से बढ रही है क्योंकि इससे विशेष सेटिंग या व्यवस्था, तकनीक या तैयारी की जरूरत नहीं है। रेकी स्पर्श उपचार पद्धति है। आर एन या अन्य पेशवर अपने अपने काम के हिस्से के तहत मरीजों का स्पर्श करते हैं। अगर वे रेकी -प्रशिक्षित हुए तो वे जब भी मरीज को स्पर्श करेंगे, मरीज को रेकी उर्जा मिलेगी। रेकी में लम्बे व औपचारिक सत्रों की जरूरत नहीं पड़ती, अवसर के अनुसार सामान्य तौर पर न्यूनतम उपचार के तहत मरीज की देखभाल में रेकी का उपयोग बहुत आसान है।
अनुसन्धान चल रहे हैं
शायद अनुसन्धानों में वृद्धि के कारण पश्चिमी हेल्थ केयर प्रैक्टिसनर्स विभिन्न स्थितियों में मरीजों पर रेकी के प्रभावों को लेकर पर्याप्त आँकड़े जुटा पाते है। इस समय रेकी को लेकर सबसे बड़ा अध्ययन कोलम्बिया/एचसीए के पोर्ट्समाउथ रीजनल हॉस्पिटल में चल रहा है जहाँ 8 हजार सर्जरिकल मरीजों को पहले और बाद में रेकी उपचार दिया गया। रेकी उनकी प्रवेश प्रक्रिया का हिस्सा है और सर्जरी के लिए ले जाती समय भी इसका संचालन होता है। प्रशिक्षित आर एनएस, फिजिकल थेरेपिस्टट, तकनीशियन और सपोर्ट स्टाफ द्वारा यह उपचार दिया जाता है। शोध के परिणाम निरन्तर मिल रहे हैं। रेकी पाने वाले सभी मरीजों को एनेस्थिसिया की जरूरत कम पड़ी, सर्जरी के दौरान खून कम बहा, अस्पताल में कम समय तक रहना पड़ा, दर्द निवारक दवाएं कम लेनी पड़ीं और अन्य मरीजों की तुलना में अस्पताल में सन्तुष्टिपरक अनुभव अधिक मिला।
दर्द प्रबन्धन के लिए रेकी कितनी प्रभारी है?
कनाडा स्थित एडुमॉन्टन के द क्रॉस कैन्सर इस्टिट्यूट में रेकी के प्रभावों को लेकर भीषण दर्द से परेशान 20 ऑन्कोलॉजी मरीजों को लेकर अध्ययन किया गया। स्टडी सुपरवाइजरों यानी अध्ययन निरीक्षकों ने रेकी के पहले और बाद में दर्द का आकलन करने के लिए वीएएस (विजुएल एनलॉग स्केल) और लिका्रट स्केल उपयोग किया और रेकी को लेकर परिणाम सकारात्मक रहे।
रेकी ऑर ऑन्कोलॉजी
ऑन्कोलॉजी के मरीजों के साथ हुए एक अन्य शोध में पाया गया कि रेकी टॉक्सिन निकालने की प्रक्रिया में तेजी लाती है, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है, कीमोथेरेपी और उसके साइड इफेक्टस से निपटने में मदद करती है औ कैंसर डायग्नॉसिस के डर व तनाव को भी कम करती है।
रेकी और हृदय
येल यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ इन्टरनल मेडिसीन की हृदयरोग शाखा में एक अध्ययन किया गया कि रेकी मरीजों में हार्ट रेट वैरियबिलिटी (एचआरवी) को बढ़ा सकती है जिससे उनका एक्यूट कोरोनरी सिन्ड्रम होता है। येल -न्यू हेवेन हॉस्पिटल की कारडियाक यूनिट में रेकी एक क्लिनिकल प्रोग्राम है जो चल रहा है। इस अध्ययन में 5 रेकी प्रशिक्षित नर्से ही रेकी थेरेपिस्ट थीं जो पहले से इस प्रोग्राम का हिस्सा थीं। रेकी सांगीतिक हस्तक्षेप के जरिए आराम देने की दिशा में तुलनात्मक रूप से अधिक कारगर रहा।
रेकी और गम्भीर रोग
कई अध्ययनों से पता चला है कि कई गम्भीर बीमारियों के उपचार में रेकी का उपयोग कारगर रहा है। थायरॉयड और नर्वस सिस्टम फंक्शन से लेकर फाइब्रोमाल्जिया में यह प्रभावी रही। इसके साथ ही एड्स, गम्भीर थकान के लक्षण और नींद की समस्याओं के प्रबन्धन में भी उपयोगी रही।
गर्भावस्था में रेकी
सीटी, के हार्टफोर्ड हॉस्पिटल में हुए शोध में पाया गया कि गर्भावस्था में ऐनिक्सिटी रेकी के उपयोग से 94 प्रतिशत, नौसिया 80 प्रतिशत और दर्द 78 प्रतिशत कम हो गया।
आत्महत्या के खतरों से भी निपटती है रेकी
रेकी न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक समस्याओं का मुकाबला करने में भी मददगार है। सोच को सकारात्मक बनाती है और दर्द से गहरी राहत देती है। शोक और भय कम करने में मदद करती है जिससे पीड़ित में जीने की इच्छा जाग उठती है।
रेकी और बच्चे
रेकी बच्चों के लिए सुरक्षित और प्रभावी है। कैलिफोर्निया पैसिफिक मेडिकल सेंटर में कार्यरत व संक्रामक रोग के उपचार में महारत रखने वाले बाल रोग चिकित्सक डॉ. माइक कैंटवेल कहते हैं कि यह गम्भीर बीमारियों के उपचार में प्रभावी है। माँसपेशियों में लगी चोट, दर्द, सिरदर्द, गम्भीर संक्रमण, अस्थमा में काम करती है।
कहने की जरूरत नहीं कि रेकी आज लोकप्रिय होती जा रही है।