उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में हाथ से बुनी जाने वाली कालीन को टीईई की सूची में शामिल किया गया है। नई विदेश व्यापार नीति 2023 के तहत सरकार ने चार नए निर्यात उत्कृष्टता शहरों की घोषणा की है। मिर्जापुर की हाथ से बुनी जाने वाली कालीन व दरी के अलावा फ़रीदाबाद के परिधान, मुरादाबाद जिले की हस्तशिल्प व वाराणसी के हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पाद को शामिल किया गया है। इस सूची में शामिल में शामिल किए जाने के बाद सरकार के द्वारा उद्योग को बढ़ावा देने को लेकर प्रयास किया जाएगा।
उद्योग को मिलेगी रफ्तार, विदेशों में बजेगा डंका
सरकार के द्वारा नई विदेश व्यापार नीति के तहत टाउन ऑफ एक्सपोर्ट एक्सिलेंस घोषित किया गया है। 39 मौजूदा शहरों की सूची में मिर्जापुर जिले की हस्तनिर्मित कालीन और दरी को शामिल किया गया है। मिर्ज़ापुर के अलावा तीन और शहरों के उत्पादों को भी जगह मिली है। मिर्जापुर जिले की हस्तनिर्मित कालीन और दरी को शामिल किये जाने के बाद इस उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। इस सूची में शामिल किए जाने के बाद मिर्जापुर की निर्मित हस्तकालीन विदेशों में पहुंचेगा, जहां हस्तनिर्मित कालीन का डंका दुनियाभर में बजेगा।
केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि टीईई स्कीम में मिर्जापुर जिले की कालीन व दरी को शामिल किए जाने के बाद उद्योग को नए बाजार मिलेंगे। जिले में उद्योग स्थापित करने वाली औद्योगिक इकाइयों की विश्वनीयता अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ेगी। उद्योग को बढ़ावा देने के लिये बुनियादी संसाधन भी आसानी से उपलब्ध हो सकेंगे। मिर्जापुर जिले में निवेश को लेकर अपार संभावनाएं है। ऐसे में स्थानीय उद्योग को बढ़ावा मिले, इसको लेकर सार्थक कदम उठाये जा रहे है।
उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार देगी प्रोत्साहन
टीईई सूची में शामिल किए जाने के बाद सरकार के द्वारा उद्योग को बढ़ावा देने के लिये सहायता दी जाएगी। सरकार उद्योग को प्राथमिकता के आधार पर बाजार उपलब्ध कराने, निर्माण व औद्योगिक सेवाओं के लिये निर्यात प्रोत्साहन परियोजनाओं के लिये वित्तीय सहायता की व्यवस्था करेगी। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली व्यापार प्रदर्शनियों एवं मेले में भाग लेने के लिए मदद करने के साथ वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
निर्यात के आधार पर दी जाती है टीईई मान्यता
टीईई ऐसे औद्योगिक समूह होते है। जिन्हें निर्यात के आधार पर सरकार मान्यता देती है। मान्यता प्रदान किये जाने के बाद सम्बंधित शहर के कारोबारियों को आर्थिक विकास हेतु प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है। औद्योगिक समूहों की क्षमता का अधिकतम उपयोग करने के साथ साथ मूल्य श्रृंखला और नवीन बाजारों का विकास करने के उद्देश्य से सरकार मान्यता देती है।