जमशेदपुर : टाटा स्टील लिमिटेड में 47 अधिकारी और कर्मचारियों ने अपने समलैंगिक होने की जानकारी प्रबन्धन को दी है। इसी के साथ टाटा स्टील दुनिया की ऐसी कम्पनी बन गई है, जहां सर्वाधिक समलैंगिक कर्मचारी होने के साथ इसके लिए मजबूत एचआर नीति भी है। दरअसल, लैंगिक भेदभाव और असमानता दूर करने की पहल के तहत कंपनी ने अपने सभी कर्मचारियों से अपने समलैंगिक होने की जानकारी देने को कहा था। साथ में कहा था कि उन्हें पति-पत्नी की तरह कंपनी की अन्य सुविधाएं लगेंगी।
कम्पनी ने समलैंगिक कर्मचारियों को अपने अन्य कर्मचारियों के बराबर का दर्जा देने के लिए 9 दिसंबर को ह्यूमन रिसोर्स (एचआर) पॉलिसी में बदलाव कर डायवर्सिटी एंड इन्क्लूजन पॉलिसी के दायरे को बढ़ाया गया था। इसके तहत टाटा स्टील के समलैंगिक कर्मचारी अपने साथी का नाम रजिस्टर में दर्ज करा सकेंगे और इस तरह उन्हें भी पति-पत्नी की तरह अन्य सुविधाएं मिलने लगेंगी।
टाटा स्टील के वीपी (एचआरएम) सुरेश दत्त त्रिपाठी ने बताया कि एलजीबीटीक्यू समुदाय के कर्मचारी अपने पार्टनर के बारे में बताकर कम्पनी के अन्य लाभ ले सकते हैं। नई पॉलिसी के तहत समलैंगिक कर्मी या ट्रांसजेंडर कर्मी स्वास्थ्य चेकअप, मेडिकल सुविधा, एडॉप्शन लीव, नीव बोर्न पैरेंट और चाइल्ड केयर लीव की सुविधा मिलेगी। उन्होंने कहा कि कंपनी में पहले से 25 के आसपास ट्रांसजेंडर कर्मचारी थे।
कर्मियों के लिए विश्वस्तरीय अवसर पैदा करने का लक्ष्य
वीपी (एचआरएम) ने कहा कि कर्मचारियों के लिए विश्वस्तरीय अवसर पैदा करना है। वहाँ हर किसी का मान बरकरार रखा जा सके। इसके अलावा नई नीति को सभी कर्मचारियों के बीच बराबरी के योग्य बनाने की दिशा में पहल की गई है। कम्पनी के कार्यक्रम में या कॉर्पोरेट सफर में जहां मियां-बीवी साथ शरीक हो सकते थे अब समलैंगिक कर्मचारी भी शामिल हो सकेंगे।
(साभार – दैनिक भास्कर)