जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दी मंजूरी

नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जम्मू-कश्मीर में तत्काल प्रभाव से राज्यपाल शासन लागू करने को मंजूरी दे दी है। इससे पहले राज्य के सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के साथ चर्चा करने के बाद राज्यपाल एनएन वोहरा ने जम्मू-कश्मीर के संविधान की धारा 92 के तहत राज्यपाल शासन लागू करने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अपनी रिपोर्ट भेजी थी।
बताते चलें कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) से अपना समर्थन वापस ले लिया जिसके चलते जम्मू-कश्मीर में भाजपा-पीडीपी गठबंधन सरकार गिर गई। जिसके बाद मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इससे पहले, राज्यपाल एनएन वोहरा को फैक्स के जरिए एक चिट्ठी मिली जिसपर गठबंधन सरकार से बीजेपी का समर्थन वापस लेने के लिए राज्य भाजपा अध्यक्ष रविंदर रैना और भाजपा विधायी दल के नेता कविंदर गुप्ता के हस्ताक्षर थे।
राज्यपाल ने कविंदर गुप्ता और महबूबा मुफ्ती से चर्चा कर यह सुनिश्चित किया क्या उनके संबंधित राजनीतिक दल राज्य में सरकार गठन के लिए वैकल्पिक गठबंधन बनाने का इरादा रखते हैं और दोनों नेताओं ने ना में जवाब दिया। राज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष जीए मीर से भी बात की। मीर ने बताया कि उनकी पार्टी के पास अपने बूते पर या गठबंधन सरकार बनाने के लिए पर्याप्त संख्याबल नहीं है। इसके बाद राज्यपाल ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला के साथ बैठक की। उमर ने कहा कि राज्यपाल शासन और राज्य में चुनावों के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
दरअसल, जम्मू-कश्मीर के संविधान के सेक्शन 92 के मुताबिक, राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता के बाद भारत के राष्ट्रपति की मंजूरी से 6 महीने के लिए राज्यपाल शासन लगाया जा सकता है। राज्यपाल शासन के दौरान या तो विधानसभा को निलंबित कर दिया जाता है या उसे भंग कर दिया जाता है। राज्यपाल शासन लगने के 6 महीने के भीतर अगर राज्य में संवैधानिक तंत्र दोबारा बहाल नहीं हो पाता है तो भारत के संविधान की धारा 356 के तहत जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन के समय को बढ़ा दिया जाता है और यह राष्ट्रपति शासन में तब्दील हो जाता है। मौजूदा परिस्थिति को मिलाकर अब तक जम्मू-कश्मीर में 8 बार राज्यपाल शासन लगाया जा चुका है।

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