कॉटन और नोवोवन के ये मास्क सैनिटाइज करके बनाए जा रहे हैं
ग्वालियर : कोरोनावायरस से बचाव के लिए जरूरी मास्क और सैनिटाइजर की किल्लत से निपटने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके चलते प्रशासन की पहल पर मास्क बनाने का जिम्मा गांव की महिलाओं ने संभाल लिया है। जिले में आठ महिला समूहों की सदस्यों ने मास्क बनाना शुरू कर दिया है। ये मास्क यहां फूलबाग स्थित हाट बाजार में सरकार द्वारा तय रेट 10 रुपए प्रति नग की दर से उपलब्ध कराए जा रहे हैं। जबकि, बाजार में इन्हें 25 रुपए तक बेचा जा रहा है।
उचित मूल्य पर सैनिटाइजर उपलब्ध कराने के लिए डिस्टलरीज से बातचीत हुई है। सैनिटाइजर के लिए अंतिम निर्णय होने पर 10 से ज्यादा सार्वजनिक स्थान तलाशे जाएंगे। यहीं से सैनिटाइजर की बिक्री प्रारंभ होगी।
46 महिलाओं ने अब तक 900 से ज्यादा मास्क बनाए
कोरोनावायरस के कारण मास्क की माँग अचानक बढ़ गई है। स्टैंडर्ड माने जाने वाले एन-95 मास्क तो अब बाजार से गायब हैं। इसी कारण जिला पंचायत सीईओ शिवम वर्मा के निर्देश पर 8 समूहों की 46 महिलाएं अभी तक 900 से ज्यादा मास्क बना चुकी हैं। कॉटन व नोवोवन के ये मास्क सैनिटाइज करके बनाए जा रहे हैं। इनकी सप्लाई सीएमएचओ कार्यालय व अन्य स्वास्थ्य संस्थान में की जा चुकी है। प्रशासन ने कुछ और महिलाओं को इस काम में जोड़कर उन्हें लगभग दो लाख मास्क बनाने का जिम्मा सौंपा है। उल्लेखनीय है कि मप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत जिले में 2375 समूह गठित हैं। इनसे जुड़ीं 862 महिलाएं सिलाई का काम करती हैं।
सैनिटाइजर बिक्री के लिए शहर में काउंटर बनेंगे
प्रशासन ने रायरू स्थित शराब फैक्टरी से सैनिटाइजर तैयार कर उसकी पैकिंग करने को कहा है। रायरू डिस्टलरी रक्षा अनुसंधान एवं विकास स्थापना(डीआरडीई) ग्वालियर को शुरू में 20 हजार लीटर स्प्रिट सप्लाई करेगी। रायसेन स्थित सोम डिस्टलरी में भी सैनिटाइजर बनाने के लिए प्लांट लगाया जा रहा है। चूंकि बाजार में सैनिटाइजर की कमी है। इसी कारण कम कीमत पर सेनिटाइजर की व्यवस्था प्रशासन कर रहा है। एडीएम किशोर कन्याल ने कहा कि क्वालिटी कंट्रोल की जिम्मेदारी सक्षम विभाग को सौंपी जाएगी। एक लीटर सैनिटाइजर की बोतल 100 रुपए में मुहैया कराने की प्लानिंग है। बातचीत पूरी होने पर शहर में इसकी बिक्री के लिए कुछ काउंटर तय कर देंगे।