कोलकाता। कोलकाता के सुप्रतिष्ठित खुदीराम बोस सेंट्रल कॉलेज के हिंदी विभाग द्वारा ‘गांधीवादी प्रश्न और प्रेमचंद’ विषय पर 18वें प्रेमचंद स्मृति व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रेमचंद की तस्वीर पर माल्यार्पण से हुआ। इस मौके पर मुख्य अतिथि के तौर पर कलकत्ता गर्ल्स कॉलेज की प्राचार्या डॉ सत्या उपाध्याय ने कहा कि प्रेमचंद का साहित्य सांप्रदायिक सौहार्द और प्रेम का आख्यान है। उन्होंने प्रेमचंद के माध्यम से गांधीवादी विचारों पर प्रकाश डाला। कॉलेज के प्राचार्य डॉ सुबीर कुमार दत्ता ने कहा कि प्रेमचंद को पढ़ना आज बेहद जरूरी है क्योंकि उनकी रचनाओं से गुजरते हुए हम समाज के सभी वर्गों से रूबरू होते हैं। हिंदी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ शुभ्रा उपाध्याय ने कहा कि प्रेमचंद का साहित्य भारतीय समाज का आख्यान है।
इस मौके पर प्रेमचंद की कहानी बूढ़ी काकी पर हिंदीत्तर शिक्षकों द्वारा श्रुति नाटक की प्रस्तुति की गई। इस नाटक में प्रो. अनुराधा बनर्जी, प्रो. सोमनाथ भट्टाचार्य, प्रो. रिया चक्रवर्ती, प्रो. राजदीप मंडल, देबस्मिता साहा, सायन बनर्जी एवं सौभिक करार ने सुंदर अभिनय किया। कॉलेज में आयोजित हिंदी प्रशिक्षण कोर्स के अंतिम प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के प्रो. वेद रमन पाण्डेय उपस्थित थे । उन्होने कहा कि यह कोर्स सभी विद्यार्थियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने खुदीराम बोस की ऐतिहासिकता पर बात करते हुए बंगाल की बंग भूमि में उनके योगदान पर प्रकाश डाला। सभी विद्यार्थियों को प्रमाण-पत्र दिया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन प्रो. मधु सिंह और धन्यवाद ज्ञापन प्रो. राहुल गौड़ ने किया।