कोलकाता । भारतीय भाषा परिषद के पुस्तकालय कक्ष में अपने समय के प्रसिद्ध कवि ध्रुवदेव मिश्र पाषाण की स्मरण सभा की गई। उनका देहावसान विगत 7 जनवरी को हुआ था। उनके 15 से अधिक कविता संग्रह प्रकाशित हैं। वे एक समय कोलकात के साहित्यिक गतिविधियों के एक प्रमुख केंद्र हुआ करते थे। स्मरण सभा में कई विद्वानों एवं रचनाकारों ने उनकी साहित्यिक निरंतरता और तेजस्वी व्यक्तित्व की सराहना की। उनकी कविताओं में प्रगतिशील स्वर हमेशा मुखर रहा है। अपने अंतिम समय तक भी वे रचनारत थे। कोलकाता के उनके कई मित्रों ने आज अपना स्मरण सुनाते हुए कवि पाषाण के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
स्मरण सभा में डा. शंभुनाथ, प्रो.हितेंद्र पटेल, प्रो.राजश्री शुक्ला, मृत्युंजय श्रीवास्तव, डॉ. गीता दूबे, सेराज खान बातिश, डॉ सत्यप्रकाश तिवारी,रावेल पुष्प, दुर्गा व्यास, कुसुम जैन, मीनाक्षी संगनेरिया, सत्यप्रकाश भारतीय,नीलकमल, वसुंधरा मिश्र, लक्ष्मण केडिया, रामनिवास द्विवेदी, नसीम अजीजी, प्रदीप जीवराजका आदि ने उनके कृतित्व का स्मरण करते हुए श्रद्धांजलि व्यक्त की। सभा में सुषमा त्रिपाठी, सुरेश शॉ, फरहान और सुषमा कुमारी, जीवन सिंह आदि उपस्थित थे। स्मरण सभा को संचालन किया प्रो. संजय जायसवाल ने।