1947 के बंटवारे ने किया था अलग
इस्लामाबाद : करतारपुर कॉरिडोर के खुलने से बंटवारे से अलग हुए दो दोस्तों की मुलाकात हो गई। भारत के सरदार गोपाल सिंह अपने बचपन के दोस्त अब 91 साल के मोहम्मद बशीर से 1947 में अलग हो गए थे। इतने लंबे अरसे बाद एक दूसरे को देख दोनों की आंखें भर आई और उन्होंने एक दूसरे को गले लगा लिया। इस समय सरदार गोपाल सिंह की उम्र 94 साल जबकि मोहम्मद बशीर 91 साल के हो चुके हैं।
भारत से दर्शन करने गए थे सरदार गोपाल सिंह
पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, करतारपुर कॉरिडोर खुलने से सरदार गोपाल सिंह गुरुद्वारा दरबार साहिब के दर्शन के लिए पाकिस्तान आए हुए थे। पाकिस्तान के नरोवाल के रहने वाले मोहम्मद बशीर भी गुरुद्वारा पहुचे हुए थे। इस दौरान दोनों ने एक दूसरे को देखा तो उन्हें चेहरा जाना पहचाना लगा। थोड़ी बहुत पूछताछ के बाद दोनों एक दूसरे को पहचान गए।
मौजूद लोगों की आँखें भर आई
यह मौका इतना भावुक था कि वहां मौके पर मौजूद भारतीय तीर्थयात्री और पाकिस्तानी नागरिकों के आंखें भर आई। सभी लोगों ने विभाजन के दौरान अलग हुए इन दो दोस्तों की मुलाकात पर खुशी भी जताई। भारत, पाकिस्तान और दुनिया के दूसरे देशों से पहुंचे तीर्थयात्रियों ने इन दोनों दोस्तों को बधाईयां दी। दोनों पुराने दोस्तों ने अपने बचपन और जवानी के किस्से भी सुनाए।
बंटवारे से पहले साथ में गुरुद्वारा जाते थे दोनों दोस्त
गोपाल सिंह ने कहा कि पाकिस्तान बनने के दौरान दोनों नौजवान थे। बशीर ने कहा कि बंटवारे से पहले भी दोनों दोस्त बाबा गुरु नानक के गुरुद्वारे में जाया करते थे। इन दोनों दोस्तों ने दोपहर का भोजन एक साथ ही किया और चाय पी। गोपाल सिंह ने करतारपुर कॉरिडोर के प्रोजेक्ट पर खुशी जाहिर की और इसके लिए दोनों देशों की सरकारों को धन्यवाद दिया।