नयी दिल्ली : देश में सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक यानि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपने ग्राहकों को झटका दिया है। अब यहां से गाड़ी या फिर घर के लिए कर्ज लेना महंगा हो जाएगा। एसबीआई ने अपने बेंचमार्क उधारी दर यानी एमसीएलआर में 0.20 प्रतिशत की शनिवार को बढ़ोतरी करने की घोषणा कर दी है। ये बढ़ोतरी तीन साल की अवधि के लिए है। जिसके बाद अब एसबीआई का एमसीएलआर बढ़कर 8.1 प्रतिशत हो गया।
एमसीएलआर पूर्व में 7.9 प्रतिशत था, जो अब बढ़कर 8.1 प्रतिशत हो गया। एक साल की अवधि के लिए एमसीएलआर 8.25 प्रतिशत से बढ़कर 8.45 प्रतिशत हो गया। अधिकांश खुदरा लोन का बेंचमार्क एक साल के एमसीएलआर से जुड़ा है।
बैंक ने भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से मौद्रिक समीक्षा में बढ़ाए गए रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी किए जाने के एक महीने बाद अपने एमसीएलआर में यह बढ़ोतरी की। वर्तमान में रेपो रेट 6.50 प्रतिशत है। बीते 6 जून 2018 से पहले रिजर्व बैंक ने 28 जनवरी 2014 को रेपो रेट में बढ़ोतरी की थी।
क्या होता है एमसीएलआर
एमसीएलआर वो न्यूनतम दर होती है जिसके नीचे की दर पर कोई भी वाणिज्यिक (कॉमर्शियल) बैंक अपने ग्राहकों को कर्ज नहीं दे सकता है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने साल 2016 के अप्रैल महीने में एमसीएलआर को सामने रखा था, जिसका उद्देश्य वाणिज्यिक बैंकों को लिए एक निर्देश देना था ताकि वो अपनी लेंडिंग रेट्स का निर्धारण कर सके।