Thursday, November 20, 2025
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एसएससी के सभी ‘दागी’ उम्मीदवारों को सूची से हटाया जाए : हाईकोर्ट

-पार्ट टाइम शिक्षकों के अनुभव अंक पर विवाद

कोलकाता। कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को स्कूल सेवा आयोग को सख्त निर्देश दिया कि कक्षा 11–12 शिक्षकों की चल रही भर्ती प्रक्रिया में कोई भी दागी या अयोग्य घोषित उम्मीदवार शामिल न होने पाए। अदालत ने कहा कि शीर्ष कोर्ट के आदेशानुसार एसएससी को ऐसे सभी उम्मीदवारों की विस्तृत सूची प्रकाशित करनी होगी और यदि इंटरव्यू सूची में किसी दागी का नाम है तो उसे तुरंत हटाया जाए। न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने सुनवाई के दौरान कहा कि मौजूदा सूची में केवल नाम और रोल नंबर दिए गए हैं, जबकि पहचान स्पष्ट करने के लिए पिता का नाम, पता और अन्य विवरण अनिवार्य हैं। उन्होंने यह भी बताया कि कई मामलों में एक ही अभ्यर्थी के 2016 और 2025 में अलग-अलग रोल नंबर पाए गए हैं, ऐसे में विस्तृत सूची का प्रकाशन और भी आवश्यक हो जाता है। मामले की अगली सुनवाई तीन दिसम्बर को होगी। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद एसएससी ने दागी उम्मीदवारों को इंटरव्यू सूची में शामिल किया है। चार ऐसे अभ्यर्थियों के नाम अदालत में रखे गए, जिनमें दो दिव्यांग भी हैं। इस पर न्यायमूर्ति सिन्हा ने स्पष्ट किया कि दिव्यांग अभ्यर्थियों को मिली रियायत केवल आयु सीमा से संबंधित है, न कि अयोग्यता से। उन्होंने कहा कि दागी उम्मीदवार किसी भी विशेष राहत के आधार पर भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सकते और आयोग को इस पर तत्काल निर्णय लेना होगा। यह विवाद ऐसे समय सामने आया है जब एसएससी की नवीनतम इंटरव्यू सूची में लगभग 20 हजार नाम शामिल किए गए हैं, जबकि रिक्तियां 12 हजार 445 हैं। याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि कई नए अभ्यर्थी, जिन्होंने लिखित परीक्षा में पूर्णांक प्राप्त किए, उन्हें इंटरव्यू के लिए नहीं बुलाया गया, जबकि कुछ उम्मीदवारों ने प्राथमिक स्कूलों में अनुभव का दावा कर अनुचित रूप से अतिरिक्त 10 अंक हासिल कर लिए। एसएससी के परिणाम प्रकाशित होने के बाद एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है। कई तरह की अनियमितताओं के आरोप में कलकता उच्च न्यायालय में मामले दर्ज हैं। इन्हीं में से एक है पार्ट टाइम शिक्षकों को अनुभव के आधार पर अंक देने का मुद्दा। बुधवार को सुनवाई के दौरान एसएससी ने अदालत को बताया कि यदि कोई आंशिक समय का शिक्षक जानकारी छिपाकर अनुभव के आधार पर अंक प्राप्त करता पाया गया तो उसका प्रार्थीपद रद्द कर दिया जाएगा। उच्चतम न्यायालय ने इस वर्ष अप्रैल में 2016 के एसएससी के पूरे पैनल को नियुक्ति प्रक्रिया को असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया था। इससे 25,752 शिक्षक और शिक्षाकर्मी अपनी नौकरी से वंचित हो गए थे। योग्य शिक्षकों के लिए नए सिरे से परीक्षा आयोजित करने तथा उनमें से नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश उच्चतम न्यायालय ने दिया था। उसके अनुरूप परीक्षा हुई और परिणाम भी घोषित कर दिए गए। नए परिणामों में पूर्व सेवा अनुभव के आधार पर 10 अंक जोड़े जाने की बात सामने आई है। आरोप है कि आंशिक समय के दो शिक्षक भी अनुभव अंक प्राप्त कर चुके हैं। इसी आधार पर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई और सवाल उठाया गया कि यदि दो अभ्यर्थियों को अनुभव अंक मिल सकते हैं, तो दूसरों को क्यों नहीं दिए जाएंगे।

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