प्रतिभा हो तो वह निखर ही जाती है। विपरीत परिवेश भी प्रतिभा को कुंद नही कर सकता,इसका प्रत्यक्ष प्रमाण दिया है उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के जमानियां क्षेत्र स्थित बघरी गाँव की इन बच्चियों निष्ठा एवं प्रतिष्ठा तिवारी ने।इन बच्चियों ने अपनी रचनात्मक कला के द्वारा लोगों को चमत्कृत किया है।
अपनी पढ़ाई के साथ साथ चित्रकला,मेहँदी लगाने की कला,पारम्परिक नृत्य, गायन जैसी विधाओं में पारंगत है।सबसे बड़ी बात बिना किसी प्रशिक्षण के यह इनमें बेहतर प्रदर्शन कर रही है।बस जरूरत है इनकी रचनात्मक प्रतिबद्धता को निखारने की और उनको बेहतर अवसर प्रदान करने की।यह हमारे भविष्य की पूँजी है।
इन बच्चियों से बातचीत के दौरान आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली प्रतिष्ठा तिवारी ने बताया कि इन सभी कलाओं को बस अभ्यास से सीखा, पिता जी ने हमें प्रोत्साहित करने के साथ ही जरूरत की सामग्री को कोलकाता से सहजता के साथ उपलब्ध कराया क्योकि गाँव मे सब चीजें मिल नही पाती है।
बातचीत के क्रम में निष्ठा ने बताया कि हमें गांव में धार्मिक,मांगलिक अनुष्ठान में लोकगीत गाने और नृत्य के लिए लोग बुलाते है।वैवाहिक गीत,सोहर और अन्य आयोजनों पर भी हमें बुलाया जाता है।इसके अलावा मिट्टी से तरह तरह के मूर्ति और अन्य सजावटी वस्तुओं को भी बनाते है।