मुम्बई : इरफान पठान ने शनिवार को क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने की घोषणा की। वह अपने करियर के दौरान अधिकतर समय चोटों से जूझते रहे जिसके कारण अपनी वास्तविक क्षमता दिखाने में भी नाकाम रहे।इस 35 वर्षीय खिलाड़ी का संन्यास लेना तय माना जा रहा था क्योंकि उन्होंने अपना आखिरी प्रतिस्पर्धी मैच फरवरी 2019 में जम्मू कश्मीर की तरफ से सैयद मुश्ताक अली ट्राफी में खेला था।
उन्होंने 2018 में जम्मू कश्मीर की टीम के साथ खिलाड़ी और मेंटोर के रूप में जुड़ने से पहले घरेलू क्रिकेट में बड़ौदा का प्रतिनिधित्व किया था।
वह जम्मू कश्मीर की टीम के साथ गैर खिलाड़ी मेंटोर के रूप में जुड़े रहेंगे। उन्होंने खुद को पिछले महीने खुद को आईपीएल के नीलामी पूल में भी नहीं रखा था। बायें हाथ के इस तेज गेंदबाज ने 2003 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड ओवल में भारत की तरफ से पदार्पण किया था। वह तब 19 साल के थे।
वह बहुत तेज गेंदबाजी नहीं करते थे लेकिन दायें हाथ के बल्लेबाजों के लिये स्विंग कराने की नैसर्गिक क्षमता के कारण उन्हें जल्द ही सफलता मिलने लगी और उनकी कपिल देव से भी तुलना की जाने लगी। ऐसा लग रहा था कि भारत को वह अदद आलराउंडर मिल चुका है जिसकी उसे कपिल देव के संन्यास लेने के बाद तलाश थी। क्रिकेट में अपने यादगार क्षण की बात करते हुए इरफान ने कहा कि भारत की तरफ से खेलना शीर्ष पर रहेगा। उन्होंने कहा, ‘‘अगर मैं पीछे मुड़कर देखता हूं तो कई क्षण हैं। निश्चित तौर पर मैथ्यू हेडन के रूप में अपना पहला विकेट हासिल करना उनमें शामिल है। लेकिन जब मुझे पदार्पण करने पर कैप मिली तो वह खास क्षण था। यह मेरे दिल के करीब है क्योंकि आप इसी कैप के लिये पूरी मेहनत करते हो। ’’ भारत की तरफ से आखिरी मैच अक्टूबर 2012 में खेलने वाले इरफान ने 29 टेस्ट मैचों में 1105 रन बनाये और 100 विकेट लिये। उन्होंने 120 वनडे में 1544 रन बनाने के अलावा 173 विकेट हासिल किये और 24 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 172 रन बनाये और 28 विकेट लिये। आस्ट्रेलिया में 2003-04 टेस्ट श्रृंखला में उन्होंने सिडनी में रिवर्स स्विंग को शानदार नमूना पेश किया तथा स्टीव वॉ और एडम गिलक्रिस्ट के महत्वपूर्ण विकेट लिये थे। यह मैच ड्रा रहा था।
वह विश्व टी20 चैंपियनशिप 2007 में खिताब जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे और पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल मैच में उन्हें मैन आफ द मैच चुना गया था।
पाकिस्तान के खिलाफ 2006 में वह हरभजन सिंह के बाद टेस्ट मैचों में हैट्रिक लेने वाले दूसरे भारतीय गेंदबाज बने थे। उन्होंने कराची मैच में सलमान बट, यूनिस खान और मोहम्मद यूसुफ को आउट करके हैट्रिक बनायी थी। इरफान ने कहा, ‘‘यह यादगार क्षण था लेकिन निजी तौर पर मैं इस हैट्रिक की बात नहीं करता क्योंकि हम मैच हार गये थे। ’’उन्होंने पर्थ के मुश्किल विकेट पर भारत को आस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच में जीत दिलाने में भी अहम भूमिका निभायी थी।
इसके बाद उन्हें चोटों और खराब फार्म से जूझना पड़ा और वह पहले की तरह गेंद को स्विंग कराने में भी माहिर नहीं रहे।पठान पिछले 24 महीनों से कमेंट्री से जुड़े हैं और निश्चित तौर पर यह उनकी भविष्य की योजनाओं में शामिल होगा।