गुवाहाटी : वैसे तो अक्सर लोग 60 की उम्र के बाद अपने काम से थककर अवकाश ग्रहण कर लेते हैं। लेकिन बहुत से ऐसे लोग हैं जो उम्र को मात देकर अवकाश ग्रहण करने के बाद ही अपनी दूसरी पारी शुरू करते हैं। इन लोगों के लिए उम्र महज़ एक आँकड़ा है। लतिका जी ने ऐसा ही किया और ऐसी ही कहानी है 89 साल की लतिका चक्रवर्ती की। असम के धुबरी में पैदा हुई लतिका की शादी कृष्ण लाल चक्रवर्ती से हुई, जो सर्वे ऑफ़ इंडिया में एक सर्वेक्षक थे। और उनका बेटा कप्तान राज चक्रवर्ती भारतीय नेवी में अफ़सर हैं।
अपने पति की मृत्यु के बाद लतिका अपने बेटे के साथ रह रहीं हैं। उनके पति व बेटे, दोनों की ही नौकरी ऐसी रही कि उन्हें देश के ज्यादातर शहरों को देखने का मौका मिला। भारत के अधिकतर कोनों को जानने-समझने की यात्रा उनके जीवन का हिस्सा रही। अपने जीवन की इसी यात्रा में उन्होंने हर जगह से खूबसूरत साड़ियाँ, कुर्ते, और अलग-अलग तरह के कपड़ों के रूप में यादें संजोयी हैं। और हर एक याद की बहुत ही अलग सी कहानियां हैं उनके पास।
उम्र के इस पड़ाव पर उन्होंने अपनी इन यादों को कला के जरिये बांटने की सोची। लतिका को हमेशा से ही सिलाई करने का शौक रहा। वे हमेशा पुरानी चीज़ों पर क्रियात्मक डिज़ाइन करके उन्हें नया रूप दे देतीं। और आज उन्होंने अपनी इसी प्रतिभा को फिर से सहेजने की सोची।
अपनी 64 साल पुरानी सिलाई मशीन से लतिका पुरानी साड़ियों और कपड़ों से हैंडबैग या पोटली बनाकर नई कहानियां गढ़ रही हैं। ये वो कपड़े हैं जिनमें सालों की विरासत है।
इतना ही नहीं उन्होंने अपनी एक ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट भी शुरू की है जहाँ कोई भी उनके द्वारा बनाये गए बैग देख व खरीद सकता है। आज देश के अलग-अलग भागों से लोग उनके काम को सराह रहे हैं और उनके बनाये पोटली बैग खरीद रहे हैं। आप इस लिंक पर जाकर इनके बैग्स देख सकते हैं और खरीद सकते हैं। लतिका जी को हमारा सलाम….ये सचमुच प्रेरणा हैं।
(साभार – द बेटर इंडिया)