इजरायल (Israel) पर फलस्तीन के चरमपंथी संगठन हमास के बीच जारी भीषण जंग के बीच भारत अपने नागरिकों की सुरक्षित वतन वापसी के लिए अभियान शुरू करने जा रहा है। इस अभियान का नाम ‘ऑपरेशन अजय’ रखा गया है। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस्राइल से वापस लौटने की इच्छा रखने वाले हमारे नागरिकों की वापसी की सुविधा के लिए ‘ऑपरेशन अजय’ लॉन्च किया जा रहा है। इसके लिए विशेष चार्टर उड़ानों और अन्य की व्यवस्थाएं की जा रही हैं।
विदेश में हमारे नागरिकों की सुरक्षा और भलाई के लिए हम पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। इस्राइल में करीब 18,000 भारतीय नागरिक काम या पढ़ाई के सिलसिले में रह रहे हैं। यहां रहने वाले भारतीयों का एक बड़ा हिस्सा देखभाल करने वालों के रूप में काम करता है, लेकिन वहां लगभग एक हजार छात्र, कई आईटी पेशेवर और हीरा व्यापारी भी हैं। इस बीच हमास से लड़ने के लिए इस्राइल ने पक्ष और विपक्ष को मिलाकर बुधवार को एक आपातकालीन साझा सरकार का गठन किया।
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पूर्व रक्षा मंत्री व मध्यमार्गी विपक्षी दल के नेता बेनी गैंट्ज के साथ बैठक में साझा सरकार बनाने पर सहमति जताई जो पूरी तरह से युद्ध पर ध्यान केंद्रित करेगी। गैंट्ज की नेशनल यूनिटी पार्टी की तरफ से जारी संयुक्त बयान में यह जानकारी दी गई है। यह सरकार ऐसे समय में बनी है जबकि, हमास की सैन्य शाखा अल कासम ब्रिगेड ने दावा किया है कि उसके लड़ाके अभी इस्राइल के अंदर बने हुए हैं और लड़ाई जारी रखे हैं।
दरअसल, इस्राइल ने गाजा पर शासन करने वाले इस्लामिक चरमपंथी समूह हमास के हमले के खिलाफ जंग छेड़ रखी है। हमास के लड़ाकों ने सात अक्तूबर को देश के दक्षिण में घुसकर भीषण हमले किए थे। इस दौरान इस्राइल पर 5000 से ज्यादा रॉकेट दागे गए थ। इस्राइल की सेना के मुताबिक, इस्राइल में 155 सैनिकों सहित 1200 से अधिक लोग मारे गए हैं। वहीं, गाजा में अधिकारियों का दावा है कि जंग में 260 बच्चों और 230 महिलाओं सहित 950 लोग मारे गए हैं।