नयी दिल्ली । बीते कुछ सालों में हार्ट अटैक भारत के लिए एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है। सिर्फ इतना ही नहीं देश में हार्ट अटैक से होने वाली मौतों की संख्या लगातार बढ़ रही है। 25-45 साल के उम्र वाले नौजवानों में लगातार हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे हैं। यह दिन पर दिन एक गंभीर चिंता का विषय बनता जा रहा है. यह बीमारी सिर्फ बुजुर्गों तक ही नहीं जवान लोगों में भी काफी ज्यादा देखने को मिल रही है। जैसा कि आए दिन आप देख रहे हैं जिम में एक्सरसाइज, डांस, गरबा के दौरान, रेस्तरां में खाना खाने के दौरान लोगों को हार्ट अटैक आ रहे हैं लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर किस कारण यह हो रहा है साथ ही यह भी बताएंगे कि अगर आपके सामने किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक आ जाए तो सबसे पहले क्या करना चाहिए?
हार्ट अटैक आने के बाद क्या करना चाहिए
अगर आपके सामने किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक आज जाए तो सबसे पहले किसी समतल जगह पर उसे सीधा लेटाएं। अगर कोई व्यक्ति बेहोश हो गया है तो नब्ज चेक करें। अगर नब्ज बिल्कुल नहीं महसूस हो रही है तो समझ लें कि व्यक्ति को हार्ट अटैक पड़ा है क्योंकि हार्ट अटैक में दिल की धड़कन रुक जाती है, इसलिए नब्ज नहीं मिल पाती। ऐसे दो से तीन मिनट के अंदर उसके हार्ट को रिवाइव करना जरूरी होता है, नहीं तो ऑक्सीजन के कमी के चलते उसका ब्रेन डैमेज हो सकता है. ऐसे में हार्ट अटैक आने पर तुरंत सीने पर जोर-जोर से मुक्का मारें। तब तक मारे जब तक वह होश में नहीं आ जाता है। इससे उसका दिल फिर से काम करना शुरू कर देगा।
बेहोश व्यक्ति को तुरंत सीपीआर दें – अगर कोई बेहोश हो गया है और उसका नब्ज नहीं चल रही है तो उसको तुरंत अपने हाथ से सीपीआर दें। सीपीआर में मुख्य रूप से दो काम किए जाते हैं। पहला छाती को दबाना और दूसरा मुंह से सांस देना जिसे माउथ टु माउथ रेस्पिरेशन कहते हैं। पहले व्यक्ति के सीने पर बीचोबीच हथेली रखें. पंपिंग करते समय हथेली को एक हाथ को दूसरे हाथ के ऊपर रख कर उंगलियों को अच्छे से बांध लें और हाथ और कोहनी दोनों सीधा रखेंष उसके बाद छाती को पंपिंग करते हुए छाती को दबाया जाता है। ऐसे करने से धड़कनें फिर शुरू हो जाती हैं। हथेली से छाती को 1 -2 इंच तक दबाएं ऐसा एक मिनट में सौ बार करें।