विज्ञान प्रदर्शनी में दिखा बच्चों और युवाओं के आविष्कारों का कमाल
कोलकाता : क्या आप ऐसे शौचालय की कल्पना कर सकते हैं जिसमें पानी खुद – ब -खुद आकर शौचालय साफ कर जाए या फिर ऐसा कूड़ेदान जो खुद ही खुल जाए और बंद हो जाए। क्या आपने बायो प्लास्टिक्स और प्लास्टिक्स से पेट्रोल बनने की कल्पना की है..अगर नहीं की तो पूर्वी भारत विज्ञान एवं अभियांत्रिकी प्रदर्शनी में आपको यह सब सच होता दिखेगा…कृषि से लेकर स्वास्थ्य और ट्रेन दुघर्टनाओं को रोकने की कोशिश और बच्चों को बचाने के लिए स्मार्ट रोबोट..ऐसे कई आविष्कारों को देखकर दांतों तले उंगली दबायी जा सकती है। हर साल की तरह बीआईटीएम में इस बार भी यह प्रदर्शनी आयोजित की गयी और यह 18 जनवरी तक चलेगी। विज्ञान और इंजीनियरिंग के नवीनतम आविष्कारों और युवाओं की प्रतिभा को सामने लाने के उद्देश्य से हर साल विज्ञान एवं अभियांत्रिकी प्रदर्शनी आयोजित होती है। बीआईटीएम में हर साल आयोजित होने वाली इस प्रदर्शनी का 46वाँ साल है। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए राज्यपाल जगदीप धनकड़ ने विज्ञान के क्षेत्र में भारत के योगदान का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि विज्ञान आनन्द के लिए होता है। विद्यार्थी जुनून और सतत् प्रयास से सफलता प्राप्त कर सकते हैं। ब्रिटिश डिप्टी हाई कमिश्नर निक लो भारत और ब्रिटेन की वैज्ञानिक साझेदारी की चर्चा की। नेशनल काउंसिल ऑफ साइंस म्यूजियम के निदेशक ए डी चौधरी ने प्रतिभागियों को शुभकामनाएँ दीं। सिस्टर निवेदिता यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो. ध्रुवज्य़ोति चट्टोपाध्याय ने सत्र की अध्यक्षता करते हुए प्रकृति को सर्वश्रेष्ठ शिक्षक बताया और विद्याथिर्यों को सवाल पूछते रहने और जिज्ञासु बनने के लिए प्रेरित किया। बीआईटीएम के निदेशक वी. एस. रामचन्द्रन ने बताया कि प्रदर्शनी में इस बार 11 पूर्वी राज्यों के 153 शिक्षण संस्थानों के 387 विद्यार्थी और शिक्षक 160 मॉडल, परियोजनाओं के साथ भाग ले रहे हैं। विज्ञान प्रदर्शनी में असम, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, मिजोरम, मणिपुर, मेघालय. त्रिपुरा, बिहार, ओडिशा तथा पश्चिम बंगाल के प्रतिभागी हैं। दूसरी तरफ अभियांत्रिकी मेले में 45 प्रतिभागियों ने 15 मॉडल व परियोजाएँ पेश कीं। नन्हें वैज्ञानिकों से मुलाकात करनी हो तो आप यहाँ कर सकते हैं।