प्यार से लोग कडापा की मदर टेरेसा कहते हैं
कडापा : महामारी के बीच एक ओर जहां कई डॉक्टरों ने मोटी फीस लेकर अपनी जेब भरी, वहीं आंध्रप्रदेश के कडापा की डॉक्टर नूरी परवीन ने इंसानियत की मिसाल कायम की है। अपने क्लीनिक में मरीजों को देखने की उनकी फीस 10 रुपये है। वहीं अस्पताल में भर्ती मरीज के लिए बेड का खर्च 50 रुपये प्रतिदिन है। नूरी परवीन विजयवाड़ा के एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उन्होंने कडापा के फातिमा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस से एमबीबीएस किया है। नूरी ने बताया कि मैंने गरीबों की मदद करने के लिए ही कडापा की गरीब बस्ती में अपना क्लीनिक खोला। उन्होंने अपने मम्मी-पापा को ये भी नहीं बताया कि वे विजयवाड़ा नहीं आएंगी और यहीं रहकर गरीबों की सेवा करेंगी। लेकिन जब बाद में उन्हें पता चला तो अपनी बेटी के इस फैसले से वे बेहद खुश हुए और उसे दुआएं दी। नूरी परवीन एक ऐसे परिवार से ताल्लुक रखती हैं जहां उनके मम्मी -पापा ने तीन अनाथ बच्चों को गोद लेकर उनकी परवरिश की। इन बच्चों की पढ़ाई का पूरा खर्चा भी उन्होंने ही उठाया। नूरी को प्यार से लोग कडापा की मदर टेरेसा कहते हैं। कडापा में नूरी ने अपना क्लीनिक 7 फरवरी 2020 को खोला था। लेकिन महामारी का असर बढ़ने पर लोगों के कहने पर उन्होंने ये क्लीनिक बंद कर दिया। अभी क्लीनिक बंद किए हुए तीन-चार दिन ही हुए थे कि उन्हें खुद एक डॉक्टर होने का फर्ज याद आया। इस तरह उन्होंने अपना क्लीनिक एक बार फिर खोला जो अब 24 घंटे मरीजों के लिए खुला रहता है। इतना ही नहीं उन्होंने अपने स्वर्गीय दादा की याद में नूर चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना की है। इसके तहत वे लोगों को आत्महत्या और दहेज प्रथा के खिलाफ जागरूक करने के लिए डॉक्यूमेंट्री बनाती हैं।