भारतीय मूल के अमेरिकी अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी, एस्थर डुफ्लो और मिशाएल क्रैमर को इस साल अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार देने की घोषणा की गयीहै।
नोबेल पुरस्कारों की घोषणा करते हुए कहा गया कि इन तीन लोगों को वैश्विक गरीबी को दूर करने में प्रायोगिक रास्ता बनाने के लिए पुरस्कार दिया जा रहा है।अभिजीत बनर्जी और एस्थर डुफ्लो अमेरिका में कैंब्रिज की मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर हैं जबकि मिशाएल कैम्ब्रिज की ही हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी में. पुरस्कार की राशि तीनों विजेताओं में बराबर बराबर बांटी जाएगी। नोबेल कमेटी ने कहा है कि इस साल के विजेताओं ने वैश्विक गरीबी से लड़ने की हमारी क्षमता को बहुत ज्यादा बढ़ाया है. इसके साथ ही कहा गया है कि इन तीनों के प्रयोग आधारित रास्ते ने डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स को बदल दिया है और अब यह रिसर्च का विकसित होता क्षेत्र है।
अभिजीत बनर्जी कोलकाता में पले बढ़े हैं।एस्थर डुफ्लो अभिजीत की पत्नी हैं और डेवलपमेंट इकोनॉमिस्ट हैं।र्थशास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार जीतने वाली वे अब तक की दूसरी महिला हैं। नोबेल कमेटी की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि हाल में हुई नाटकीय घटनाओं के बावजूद मानवता के सबसे अहम मुद्दों में एक है गरीबी को उसके सभी रूपों से हटाना।हर साल करीब 50 लाख बच्चे पांच साल से कम उम्र में दम तोड़ देते हैं। इन बच्चों को इनसे बचाया जा सकता है मामूली उपचार से उनका इलाज किया जा सकता है।दुनिया में बच्चों की आधी आबादी अब भी बुनियादी साक्षरता या फिर गिनती सीखे बगैर ही स्कूल छोड़ देती है।