चीन के हांगझू में होने वाले एशियन गेम्स की नई तारीखें आ गई हैं। एशियन गेम्स का आयोजन अगले साल 23 सितंबर से आठ अक्तूबर के बीच होगा। ओलंपिक काउंसिल ऑफ एशिया ने मंगलवार को इसकी घोषणा की।
पहले एथियाई खेलों का आयोजन इसी साल 10 सितंबर से 25 सितंबर के बीच झेजियांग प्रांत की राजधानी हांगझू में आयोजित होना था। यह चीन की आर्थिक राजधानी शंघाई से करीब 175 किलोमीटर दूर है। ओलंपिक काउंसिल ऑफ एशिया ने एशियन गेम्स को स्थगित करने के पीछे कोई वजह नहीं बताई थी, लेकिन माना जा रहा है कि चीन में कोरोना के मामले बढ़ने के कारण एशियन गेम्स को स्थगित किया गया।
ओसीए ने कहा- पिछले दो महीनों में टास्क फोर्स ने चीनी ओलंपिक समिति, हांगझू एशियाई खेलों की आयोजन समिति और अन्य हितधारकों के साथ इन खेलों की नई तारीखों पर काफी विचार-विमर्श किया। इस दौरान यह भी ध्यान रखा गया कि इन खेलों का किसी और प्रमुख अंतरराष्ट्रीय खेलों के साथ तारीखें टकराव न हो।
टास्क फोर्स द्वारा चुनी गई तारीखों पर ओसीए के एग्जीक्यूटिव बोर्ड ने भी हामी भर दी है। इसके साथ ही गवर्निंग बॉडी ने चीनी आयोजकों और सरकार को महामारी के दौरान खेलों की तैयारी में कड़ी मेहनत करने और यह खेल अगले साल हो सके, यह सुनिश्चित करने के लिए धन्यवाद दिया।
56 खेलों के लिए तैयार हो चुके थे मैदान
आयोजकों ने बताया था कि चीन के पूर्वी शहर हांगझू, जिसकी आबादी 12 मिलियन (1.2 करोड़) है, वहां 56 खेलों के लिए मैदान तैयार कर लिए गए थे। इन्हीं मैदानों पर एशियन गेम्स और एशियन पैरा गेम्स होना था। हालांकि, अब एक साल बाद चीन को फिर से इन मैदानों को तैयार करना होगा। चीन इससे पहले शीतकालीन ओलंपिक की मेजबानी कर चुका है, जिसमें कोरोना के मामलों को रोकने के लिए कोविड से सुरक्षित बायो बबल बनाया गया था। हालांकि, एशियन गेम्स के मामले में ऐसा नहीं हो पाया।
संशय में थी भारत की भागीदारी
भारत के एशियाई खेलों में भाग लेने पर खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा था कि इस पर फैसला चीन की तरफ से फीडबैक मिलने के बाद ही किया जाएगा। एक कार्यक्रम के दौरान बात करते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा था- वहां (चीन) की क्या परिस्थिति है और मेजबान देश स्थिति के बारे में क्या कहता है, यह महत्वपूर्ण है। भाग लेने वाले सभी देश इस पर चर्चा कर रहे हैं और जल्दी ही भारत भी फैसला लेगा, लेकिन उससे पहले मेजबान देश का पक्ष और यह जानना जरूरी है कि उनकी तैयारी कैसी है। अब उम्मीद की जा रही कि अगले साल तक हांगझू में कोरोना का खतरा टल जाएगा और सभी देश अपने खिलाड़ियों को भेज पाएंगे।