बचपन में मैंने दो कहानियाँ सुनीं थी। एक कहानी तो बिट्ठो गाँव से जुड़ी है,
कोलकाता । गत 20 जून 2024 की संध्या को भारतीय भाषा परिषद में ‘साहित्यिकी’ एवं
मैं दरभंगा महाराज लक्ष्मेश्वर सिंह के बारे में सामग्री खोज रहा था, इसी दौरान शुभजिता
श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह अंक – श्रीराम मंदिर आन्दोलन का इतिहास, स्वामी रामभद्राचार्य, नेताजी
मिशन सिलक्यारा से लेकर आपराधिक कानूनों के ऐतिहासिक परिवर्तन की यात्रा एवं अन्य स्तम्भ
शुभजिता हिन्दी दिवस विशेषांक…युवाओं की कलम से सजा…अन्य स्थायी स्तम्भ आपके समक्ष
शुभजिता पत्रिका का अंक चन्द्रयान 3, हमारे वैज्ञानिकों को समर्पित है । इसके साथ ही
सम्पादकीय – भारत माता मात्र एक चित्र नहीं, संवेदना हैं, प्राण शक्ति हैं, तिरंगा सिर्फ
मुंशी प्रेमचंद जयंती की शुभकामनाओं के साथ प्रस्तुत है शुभजिता का प्रेमचंद जयंती विशेषांक- इस
शुभजिता 7 साल पूरे कर चुकी है और अब तक आपका भरपूर स्नेह मिलता रहा