शुभजिता और शी को तलाश है सृजन के प्रहरियों की…. क्या आपमें है वह बात?
17 साल से मीडिया में रहते हुए जो अनुभव हुए, जो सीखा, वो नयी पीढ़ी
कोलकाताः वाराणसी में दो दिवसीय विश्व भोजपुरी सम्मेलन का समापन भोजपुरी को आठवीं सूची में
कोरोना काल के सौ दिन। डर और फक्कड़पन का चोली-दामन का साथ रहा।मीडिया आँकड़े दिखा-दिखाकर
गीता प्रेस सदैव से लागत से कम मूल्य पर भक्ति ग्रंथों और अन्य आध्यात्मिक रुचि
सन् 2020 गतिविधियों पर पाबंदियों का वर्ष तो जरूर साबित हुआ, पर लेखन और कहूँ
पत्रकारिता की अलग परिभाषा देखें और आपकी नजर में परिभाषा क्या होगी. कमेंट्स बॉक्स में
प्रेम! क्या कहूँ। कैसे कहूँ। किस रूप में कहूँ। प्रेम की कोई व्याख्या नहीं कोई
”न निवसेत् शूद्रराज्ये” मनु का यह कहना बहुत बड़ा अर्थ-गौरव रखता है। शूद्रों के राज्य
आपके सुझावों का स्वागत है। साफ कर दूँ कि मैं पेशेवर शिक्षिका नहीं हूँ और