मूल रचना : डॉ. एम.लक्ष्मी कुमारी हिंदी अनुवाद: शुभांगी उपाध्याय मुक्तसङ्गोऽनहंवादी धृत्युत्साहसमन्वित: | सिद्ध्यसिद्ध्योर्निर्विकार: कर्ता
शिक्षण डॉ. वसुन्धरा मिश्र द्वारा। उपन्यास और कहानी के अंतर्गत उपन्यास :”सूखा बरगद “-मंजूर एहतेशाम
लॉकडाउन के कारण हमारी जिन्दगी बदली है और शिक्षा पद्धति भी। अब तेजी से ऑनलाइन
घनघोर अँधेरी रात में घड़ी की सुइयों की आवाज़ पंखे के चलने की आवाज़ कुत्ते
पटना : अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के निधन से सभी कलाकारों में मायूसी छा गयी
कविता – निखिता पांडेय आवृत्ति – पार्वती शॉ
जब युद्ध होता है तो आप दोनों तरफ नहीं रह सकते। आपको पक्ष चुनना पड़ता
मुम्बई : फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद फिल्म एक्ट्रेस कंगना रनोट
एक साथ 12 लोगों को करेगी सैनिटाइज कोलकाता : पश्चिम बंगाल के पूर्वी बर्दवान जिले
सुषमा त्रिपाठी कनुप्रिया कहते हैं कि सवाल उठने चाहिए पर हमें भूलने की आदत है