आजादी के आंदोलन में हिंदुस्तान की महिलाओं का अविस्मरणीय योगदान रहा है। तमाम वीर स्त्रियों
माई लार्ड! लड़कपन में इस बूढ़े भंगड़ को बुलबुल का बड़ा चाव था। गांव में
15 अगस्त 1947 की आधी रात को जब दुनिया के कई हिस्सों में लोग नींद
शिवमंगल सिंह सुमन स्मरण -यह आलेख गत 5 अगस्त को लिखा गया था। हमारा प्रयास
1934 को ‘हंस’ में प्रकाशित प्रेमचंद का यह लेख बेहद प्रासंगिक हो गया है। यह
नयी दिल्ली : कवि और गीतकार गोपाल दास नीरज शब्दों के ऐसे चितेरे कि उनके
एस्टोरिया : भारत के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान देने वाली गदर पार्टी की अमेरिकी धरती
महारानी लक्ष्मीबाई की वीरांगना छवि को जनमानस में छापने का सबसे बड़ा काम कवयित्री सुभद्रा
निवेदिता भिडे समाजसेवा के क्षेत्र में एक नाम है जिन्होंने अपना पूरा जीवन समाज के
भोपाल/होशंगाबाद : पांच लाख साल पुराने ‘नर्मदा मानव’ की खोज करने वाले वरिष्ठ भू-वैज्ञानिक डॉ.