-सीमा श्रीनिवास एक ओर जहाँ पूरा विश्व कोविड 19 महामारी की चपेट में है और
काकी आशा पांडेय बता रही हैं काम की बात, देसी तो बेस्ट है
सखी समूह फरवरी 2011 में शुरू हुआ महिलाओ का पहला समूह था जो उनका सीक्रेट
चिंदु बोड़ा सब लोग कुछ न कुछ अपने मन की बात कह रहे है मैंने
जिस तरह हम लॉकडाउन संभालने के लिए तैयार नहीं थे। इसी तरह हमारे बच्चे भी
अलग-अलग गतिविधि और रोजमर्रा के कामों
बच्चे जब छोटे होते हैं तो माता-पिता ही उनके सारे काम करते हैं। उनके खिलौने
शादी दो दिलों के साथ ही दो परिवारों का भी मिलन है, इसलिए विवाह तय
समाज एक ऐसे मोड़ पर पहुँच चुका है जहाँ अन्धेरा ज़्यादा और रोशनी कम है।