कोरोना काल के सौ दिन। डर और फक्कड़पन का चोली-दामन का साथ रहा।मीडिया आँकड़े दिखा-दिखाकर
गीता प्रेस सदैव से लागत से कम मूल्य पर भक्ति ग्रंथों और अन्य आध्यात्मिक रुचि
सन् 2020 गतिविधियों पर पाबंदियों का वर्ष तो जरूर साबित हुआ, पर लेखन और कहूँ
पत्रकारिता की अलग परिभाषा देखें और आपकी नजर में परिभाषा क्या होगी. कमेंट्स बॉक्स में
प्रेम! क्या कहूँ। कैसे कहूँ। किस रूप में कहूँ। प्रेम की कोई व्याख्या नहीं कोई
”न निवसेत् शूद्रराज्ये” मनु का यह कहना बहुत बड़ा अर्थ-गौरव रखता है। शूद्रों के राज्य
आपके सुझावों का स्वागत है। साफ कर दूँ कि मैं पेशेवर शिक्षिका नहीं हूँ और
‘अपराजिता’ के आज पांच वर्ष पूरे हो रहे हैं, जो आज ‘शुभजिता’ का रूप ग्रहण
मुम्बई : इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी अपीलेट बोर्ड (आईपीएबी) ने एक ऐतिहासिक फैसले में भारतीय म्यूजिक इंडस्ट्री
डूडलिंग और पेंटिंग आर्टिस्ट भाग्यश्री साहू ने ये कभी सोचा भी नहीं था कि इस